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मनोविज्ञान विभाग एस० एस० जे० वि० वि० परिसर अल्मोड़ा में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर आज दिनांक 10/09/2022 को विश्वआत्म हत्या रोकथाम दिवस मनाया गया ।
आत्महत्या के विचार आते ही हमें सर्वप्रथम उन विचारों को कैसे रोका जा सकता है के संबंध में सोचना चाहिए
जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर आराधना शुक्ला भूतपूर्व संकायाध्यक्ष कला, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा की गई जिसमें उन्होंने बताया कि आत्महत्या के विचार आते ही हमें सर्वप्रथम उन विचारों को कैसे रोका जा सकता है के संबंध में सोचना चाहिए क्योंकि आत्महत्या करने से पूर्व ऐसे नकारात्मक विचार मन में आते है जो बाद में आत्म हत्या के कारण बनते हैं। आत्महत्या के संज्ञानात्मक पहलू पर विशेष बल देना चाहिए ।
समस्याओं का अंत मात्र बातें करके किया जा सकता है
विशिष्ट अतिथि डॉ रेनू जलाल असिस्टेंट प्रोफेसर मनोविज्ञान विभाग एम बी पी जी कॉलेज हल्द्वानी ने बताया कि हमें सामाजिक प्राणी होने के नाते सदैव दूसरों को मदद करनी चाहिए । आत्महत्या के विचारों से ग्रस्त व्यक्ति अवसाद से पीड़ित होता है अतः ऐसे व्यक्तियों की मदद उनसे बातें करके की जा सकती है क्योंकि हमारी कई सारी समस्याओं का अंत मात्र बातें करके किया जा सकता है।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे
कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का स्वागत डा० रुचि कक्कड़ द्वारा किया गया । इस उपलक्ष्य पर कार्यक्रम में प्रोफेसर मधुलता नयाल, प्रोफेसर आराधना शुक्ला, डॉ रेनू जलाल, डॉ प्रीति टम्टा, डॉ रुचि कक्कड़, डॉ सुनीता कश्यप, डॉ विवेक आर्य एवं पूजा पांडे, विजय पंत एवं समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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