शमशेर सिंह बिष्ट की चौंथी स्मृति दिवस पर डा रवि चौपड़ा की अध्यक्षता मे कार्यक्रम आयोजित हुए । कार्यक्रम संचालन उलोवा के अध्यक्ष राजीव लोचन साह ने किया ।
उत्तराखण्ड के गांवों को समझने की जरूरत है यहां के निवासियों ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नही की
डा शमशेर सिंह बिष्ट स्मृति समारोह मे विचार व्यक्त करते हुये डा. नवीन जुयाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में वाहिनी ने उन्हें एक नई दिशा दी उन्होंने कहा कि हिमालय मे जो हाइड्रो प्रोजक्ट बन रहे है उसमें इको सिस्टम पर ध्यान देना जरूरी है । उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के गांवों को समझने की जरूरत है यहां के निवासियों ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नही की । आज जो विकास का मॉडल है वह खतरनाक है ,हमारे पूर्वजों ने भूकम्पों के साथ जीना सीखा, उत्तराखण्ड़ में भूकम्प आने की संम्भावनाये है । प्लेट 2.5 मिलीमीटर के हिसाब से युरोप की तरफ खिसक रही है । इस इलाकों मे प्लेटो मे ब़़डा तनाव है । उन्होने डा.शमशेर सिंह बिष्ट व साथियों के फलिन्डा आंदोलन का जिक्र करते हुये कहा कि बाध व नदी मे पानी का वितरण कैसे होगा । इस आन्दोलन में तय हुआ कि पानी का नदी खेती व बांध में वितरण होंगा पर आन्दोलन के नतीजे ठण्ड़े बस्ते में चले गये । उन्होंने कहा कि टिहरी बांध जो बना है वह बडे भूकम्प क्षेत्रों मे है । उन्होने कहा कि बाँध मे जब पानी भरता है तो वह मलवे मे जमा होता है जब बांध का पानी कम होता है तब भू -धंसाव होता है । टिहरी मे सभी वैज्ञानिक आपत्तियों को दरकिनार करते हुये अपनी मनमानी की गई । उन्होंने कहा कि यही हालत पंन्चेश्वर बाँध में भी होगी , ये बैराज भूकम्पीय क्षेत्रों में है , पर सरकार नही मानती । जोशीमठ में जो परियोजनाये बन रही है वे भू- धसाव को आमंन्त्रित कर रहे है। 200मीटर से अधिक ऊचाई में बांध नही बनने चाहिये । 24 बांध ऐसे है जो इससे ऊपर बन रहे है । हम जो विज्ञान की बात कर रहे है वह धरातल पर नही उतर रहे है । बाधों के परिपेक्ष्य में हमारा कहना है कि जो बाँध बने है उसके परिणाम सामने है । 2014 में एक सरकारी डॉक्यूमेंट आया जिसमे कहा गया कि उत्तराखण्ड में पर्यावरणीय लक्ष्य तय किये गये पर प्राप्त नही किये गये । यही हाल सड़कों का है पहाड़ो मे आल वैदर रोड़ की चौड़ाई बारह मीटर कर दी गई । ऐस्कोम कम्पनी ने बिना सर्वे के ही सडक निर्माण आरम्भ कर दिया कलिया सौड मे 230 करोड़ खर्च करने के बाद रोड बदलनी पड़ी ।
राज्य बनना एक बड़ी समस्या – मैखुरी
इस अवसर पर इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि राज्य बनना ही अपने आप में एक समस्या हो गया । उन्होंने कहा कि जब हिमाचल बना तब कॉर्पोरेट लूट उस स्तर पर नही थी । पर जब उत्तराखण्ड राज्य बना तो यह कार्पोरेट लूट का साधन बन गया । पहा़ड़ो में जो हालत है उसे हेलंग से समझा जा सकता है । हेलंग मे किसी भी ढंग से यदि खेल का मैदान बन सकता हो तो हम अपना आन्दोलन वापस ले लेंगे । उत्तराखण्ड़ अकेले ऐसा राज्य है जहां जमीन खरीदने की लूट है । विधान सभा भर्ती प्रकरण पर सवाल उठाते हुए मैखुरी ने कहा कि उत्तराखण्ड मे चार प्रकार से ही भर्ती हो सकती है पर विधानसभाओं के पूर्व अध्यक्ष कह रहे है कि विधानसभा अध्यक्षों का विशेषाधिकार है। यह आश्चर्य है ! कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा मे 527 उत्तराखण्ड मे कार्मिकोॆ की संख्या 560 पहुंच गई है । महिला आरक्षण पर उन्होंने कहा कि बिहार मे बिहारी मूल की बालिकाओं कों आरक्षण मिल रहा है पर उत्तराखण्ड़ मे इसे निरस्त कर दिया गया यह सोचनीय विषय है । उत्तराखण्ड यूकेएसएसएससी की परीक्षाएं घोटाला सामने आने के बाद अब वह आयोग करा रहा है जिसने पिछले बीस सालों में केवल छ: परीक्षाये कराई जिसमे कई सवाल गलत रूप मे पूछे गये । यह बड़े आश्चर्य की बात है कि यू के एस एस एस सी की परीक्षाओं मे पेपर लीक कराने का आरोप एक होमगार्ड पर लगा है ।
हर कार्य मे भ्रष्टाचार , गडबडी इस राज्य को कहा ले जा रही है यह सोचने का विषय है – नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी
अल्मोड़ा के अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने शमशेर सिंह बिष्ट के जनआन्दोलनों प्रकाश डालते हुए कहा कि 66-67 के दशक मे स्टार पेपर मिल द्वारा काटे जा रहे पेड़ो के खिलाफ सशक्त आन्दोंलन किया गया था । वे गलत को हमेशा गलत कहते रहे , व सही को सही कहते रहे आम तौर पर लोग बोलते ही नही ।अब तो पत्रकार भी जनमुद्दों को आगे नही बढाते , उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन मे पी सी जोशी व शमशेर सिंह के हाथों मे ही बागडोर थी , अब हम देख रहे है कि हर कार्य मे भ्रष्टाचार , गडबडी इस राज्य को कहा ले जा रही है यह सोचने का विषय है । उन्होंने कहा कि 2017 मे सरकार संविधान के विरुद्ध काम किया । संविधान के 74 संसोधन के खिलाफ काम किया अब निकाय के पास पहले से उपलब्ध नक्शा पास कराने का अधिकार छीन लिया । राज्य में अब जमीन बिक गई है । यहां के लोंग कोठियों की चौकेदारी कर कर रहे है । प्रो नवीन जुयाल ने भू गर्भ समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । सभा का संचालन राजीव लोचन साह ने किया , तथा शुभारम्भ पूरन चन्द्र तिवारी मे किया , नवीन बिष्ट , दयाकृष्ण काण्डपाल , आदि के जनगीत से हुआ, अजयमित्र सिंह बिष्ट ,कुणाल तिवारी, रेवती बिष्ट ने अपने विचार व्यक्त किये ।
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