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अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। कल 05 अक्टूबर को पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ दशहरा महोत्सव मनाया गया। वहीं अल्मोड़ा में भी दशहरा महोत्सव की धूम रही। जिसमें इस बार रावण परिवार के 22 पुतले बनाए गए। अल्मोड़ा में रावण परिवार के दो दर्जन के लगभग विशालकाय पुतलों का जुलूस लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र रहा। विभिन्न मोहल्लों से स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाए इन कलात्मक पुतलों को देखने के लिए हजारों संख्या में भारी भीड़ उमड़ी। इन पुतलों को शहरभर में घूमाने के बाद देर रात एचएचनबी ग्राउंड में जलाया गया।
रावण का पुतला दहन से पहले दो पक्षों में विवाद-
कल शाम को प्रदेश भर में असत्य पर सत्य की जीत के रूप में रावण का पुतला भी जलाया गया। कई शहरों में रावण दहन आकर्षण का केन्द्र रहा। वहीं अल्मोड़ा में रावण का पुतला नहीं जलाया गया। दशहरा महोत्सव में बुधवार शाम दो पुतला समितियों के बीच संग्राम छिड़ गया। देखते ही देखते भरे जुलूस में लात-घूसे चलने लगे। मारपीट में रावण पुतला समिति का एक सदस्य घायल हो गया। इससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आक्रोशित समिति सदस्य दूसरे पक्ष पर कार्रवाई होने तक रावण के पुतले को आगे नहीं ले जाने की जिद पर अड़ गए। उनका कहना था कि कार्रवाई होने के बाद ही रावण के पुतले को दहन के लिए स्टेडियम ले जाया जाएगा।
दोनों पक्षों को समझाया-
जिसके बाद सूचना पर एसडीएम गोपाल चौहान, कोतवाल राजेश कुमार यादव पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाकर जुलूस को आगे रवाना किया। इस बीच करीब एक घंटे तक रावण और देवांतक का पुतला चौक बाजार में ही खड़ा रहा। बाद में दशहरा महोत्सव समिति के संयोजक कैलाश गुरूरानी के मामले में हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
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