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अल्मोड़ा: त्याग और बलिदान का प्रतीक चेहल्लुम पर रविवार को नगर में ताजियों का जुलूस निकाला। मोहर्रम के चालीस दिन बाद चेहल्लुम की रस्म अदा की गई। इस दौरान नियाजगंज, कचहरी बाजार, लाला बाजार, थाना बाजार, राजपुर, भ्यारखोला, ओढ़खोला आदि मोहल्लों के नवयुवकों ने एक दर्जन कलात्मक ताजिये का निर्माण किया।
मोहर्रम के चालीस दिन बाद चेहल्लुम की अदा की गई रस्म
मोहर्रम के चालीस दिन बाद चेहल्लुम की अदा की रस्म की गई। इस दौरान जामा मस्जिद के शहर इमाम मुफ्ती जुनैद उल कादरी ने हजरत इमाम हुसैन के जीवन व इस्लाम के लिए दी गई कुर्बानी पर प्रकाश डाला।
थाना बाजार में जुलूस के समापन के साथ करबला में किया गया सुपुर्द-ए-खाक

ताजियें का जुलूस नियाजगंज से लाला बाजार, कारखाना बाजार, कचहरी बाजार से मालरोड, थाना बाजार पहुंचा यहां जुलूस का समापन किया गया। बाद में सभी ताजिये को करबला में दफ्न किया गया।
मौजूद रहे
ताजियों के जुलूस में कैफ हुसैन, रहमान, अमान, मुन्ना, मुस्कान, निस्बा, गोलू, फैशल अंसारी, शहनावाज, इसरार अहमद, अख्तर हुसैन, शाकिर हुसैन, समिम अहमद, सलाउद्दीन के अलावा कई लोग मौजूद रहे।
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