उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आरोप लगाया है कि बिल्डरों, पूंजीपतियों व भू माफियाओं के दबाव में राज्य सशक्त भू कानून की तेज़ होती मांग को सरकार कमेटी बनाकर सुनियोजित रूप से ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रही है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष ने कही यह बात-
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने मुख्यमंत्री द्वारा बनाई कमेटी की ओर से इसमें समय लगने की मांग के बयान पर कहा कि सरकार ने सीधे सपाट मामले को चुनाव तक उलझाने के लिए कमेटी बनाई है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि यदि सरकार ईमानदारी से पहाड़ों की अस्मिता को बचाना चाहती है तो उसे त्रिवेंद्र सरकार द्वारा बनाए गए असीमित कृषि भूमि की ख़रीद के कानून को तत्काल निरस्त करना चाहिए और जिन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ज़मीन की ख़रीद फरोख्त हो रही है वहां तत्काल बिल्डरों, बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीदने पर रोक लगनी चाहिए और सरकार व प्रशासन की अनुमति का दुरुपयोग करने वालों की ज़मीन तत्काल ज़ब्त करनी चाहिए। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस, भाजपा की सरकारों ने तमाम असामाजिक तत्वों, प्रभावशाली लोगों को सशर्त ज़मीन के उपयोग की अनुमति दी है। जिसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। अल्मोड़ा में डांडा कांडा क्षेत्र, चितई में खरीदी गई 108 नाली भूमि और नानीसार इसके बड़े उदाहरण हैं जिनको सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा कांग्रेस और उनके साथ सत्ता में भागीदार रहे पार्टनर आने वाले चुनाव को ध्यान में रख कर भू कानून का समर्थक बनने का ढोंग कर रह हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को जनता जानती है कि बिल्डरों, भू खनन, शराब व विकास के धन की बंदर बांट पर रंगीन पोस्टर व किराए की भीड़ जमा करने वाले लोग चुनाव से पहले सक्रिय होते हैं और चुनाव के बाद अपने सारे वादे भूल जाते हैं। जनता यदि इस तथ्य को संज्ञान नहीं लेगी तो पछताएगी।
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