हवाबाग विकासखंड की 25 ग्राम पंचायतों को पालिका में शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में पंचायत प्रतिनिधि समेत ग्रामीण मुखर हो गये हैं। जनप्रतिनिधियों ने डीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। सरकार से विभिन्न ग्राम पंचायतों को नगर पालिका में शामिल नहीं करने की मांग उठाई।
ग्राम पंचायतों में लोगों का रोजगार खेती, मजदूरी, मनरेगा के तहत चलता है
ज्ञापन में कहा कि जिन ग्राम पंचायतों का नगर पालिका में मिलाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, उन सभी ग्राम पंचायतों में लोगों का रोजगार खेती, मजदूरी, मनरेगा के तहत चलता है। कहा कि ग्राम सभाओं में 80 फीसद लोग बेरोजगार हैं। अगर उन्हें पालिका में शामिल किया गया तो ग्रामीणों में आर्थिक बोझ बढ़ने के साथ भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। कहा कि ग्राम पंचायतों को पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव तत्काल निरस्त कर ग्रामीणों को राहत प्रदान करनी चाहिए। पंचायत प्रतिधिनियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गई तो, समस्त ग्राम पंचायतों को जनप्रतिनिधि समेत ग्रामीण आमरण अनशन समेत उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
ये रहे मौजूद
ज्ञापन सौंपने वालों में जिला प्रधान संगठन के अध्यक्ष धीरेंद्र गैलाकोटी, जिला पंचायत सदस्य नंदन आर्या, पूर्व प्रधान हरीश कनवाल, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख आनंद कनवाल, प्रधान हंसा मर्तोलिया, प्रधान किशन सिंह बिष्ट, हर्ष कनवाल, नवीन बिष्ट, हरीश रावत, राजेंद्र सिंह बिष्ट, हेम भंडारी, नवीन कनवाल, हरेंद्र प्रसाद शैली, पिंकी बिष्ट समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
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