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बागेश्वर में तीन बच्चों समेत महिला की मौत की गुत्थी कुछ सुलझती हुई नज़र आ रही है। बताया जा रहा है कि महिला ने आर्थिक तंगी और देनदारी से परिवार के परेशान रहते बच्चों समेत मौत को गले लगा लिया।
स्थानीय पुलिस और कर्ज वसूली वालों के मानसिक उत्पीड़न को बताया जिम्मेदार
बागेश्वर के घिरौली जोशीगांव की महिला के 3 बच्चों के साथ आत्महत्या मामले में नया मोड़ सामने आया है।पुलिस को 6 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें महिला ने अपनी और बच्चों के आत्महत्या के लिए स्थानीय पुलिस और कर्ज वसूली वालों के मानसिक उत्पीड़न को जिम्मेदार बताया है।
महिला के हवाले से बेटी ने लिखा सुसाइड नोट
सुसाइड नोट महिला के हवाले से उसकी बेटी ने लिखा है।एसपी हिमांशु कुमार वर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस को एक सुसाइड नोट प्राप्त हुआ है, जिसे महिला की तेरह साल की बेटी अंजलि द्वारा लिखा गया है। सुसाइड नोट में महिला की ओर से आर्थिक तंगी और देनदारी से परिवार के परेशान रहने जैसी बात लिखी है। अंजलि ने लिखा है कि उसकी मां नंदी देवी इसे लेकर मानसिक रूप से परेशान और दबाव में थी। पिता भूपालराम कर्ज वसूली के लिए घर पर आ रहे लोगों से परेशान थे। एसपी ने बताया कि मामले की विवेचना कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है। स्थानीय पुलिस के स्तर से लापरवाही के आरोप की विभागीय जांच की जा रही है। सुसाइड नोट की भी जांच कराई जा रही है।
बागेश्वर कोतवाली प्रभारी को किया लाइन हाजिर
छह पेज का सुसाइड नोट में स्थानीय पुलिस पर सहयोग नहीं करने और कर्ज वसूली के लिए घर पर आने वालों के नाम लिखे गए हैं। बागेश्वर के एसपी हिमांशु कुमार वर्मा ने बागेश्वर के कोतवाली प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है।
गुरुवार की देर रात बरामद हुए थे चार के शव
बता दें कि गुरुवार की देर रात शहर से लगभग तीन किमी दूर घिरौली जोशीगांव में किराये के कमरे में रह रही 35 वर्षीय नंदी देवी, उसकी बेटी 14 वर्षीय अंजलि, आठ वर्षीय कृष्णा और छह माह के भास्कर उर्फ भावेश का सड़ा शव पुलिस ने घर से बरामद किया था । इस घटना में पोस्टमार्टम के लिए प्रशासन ने डाक्टरों का पैनल गठित किया, जिसमें डा. राजीव उपाध्याय, डा. राहुल मिश्रा और डा. रीमा उपाध्याय शामिल रहीं। पुख्ता साक्ष्य के लिए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंपा दिया। सरयू-गोमती संगम पर तीन की चिताएं एक साथ जलीं। छह माह के मासूम को दफनाया गया। गमगीन माहौल में स्वजन और ग्रामीण देर रात घर को लौटे।
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