बागेश्वर: ममता मेहता को आज तीलू रौतेली पुरूस्कार से सम्मानित किया गया । मदर टेरेसा को अपना आदर्श मानने वाली ममता मेहता बचपन से ही सामाजिक कार्यों में भागीदारी करती आई हैं ।समाजसेवा के साथ वह अपने 12 वर्ष के इकलौते बेटे का भविष्य संवारने में जुटी हैं। तीलू रौतेली पुरस्कार से मिलने वाली राशि का उपयोग वह बच्चों की शिक्षा पर करना चाहतीं हैं।
सामाजिक कार्यों में की भागीदारी
पति की 2017 में आकस्मिक मृत्यु हो जाने एवं अंत्योदय परिवार में आने के कारण उनके पुत्र एवं सास-ससुर की भी जिम्मेदारी ममता पर आ गयी थी । ऐसे में परिवार का भरण पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया था।परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण ममता सामाजिक कार्यों से जुड़ गयी । और उन्होंने काफी लगन के साथ काम किया तथा समाज में अपनी जगह बनाई गांव-गांव में जाकर असहाय महिलाओं की सहायता भी की ।
क्योंकि वह स्वयं इस दौर से गुजर चुकी थी, तो उन्होंने लोगों का दर्द समझा और समय के साथ-साथ समय गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करती रही। यू-ट्यूब के माध्यम से मशरूम उत्पादन का कार्य सीखा, धीरे-धीरे, कई जगह भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। और उनका यह प्रयास सफल रहा।
आत्मनिर्भर बनने को प्रेरित कर रही हैं
कुछ वर्ष बेरोजगारी की मार भी खाने के बाद उन्होंने मन में कुछ नया करने की चाह रखी और उन्होंने मशरूम की खेती करनी शुरू की उनका पहला ही प्रयास सफल हुआ, तो उन्होंने गरीब महिलाओं तथा बेरोजगारों को भी इससे जोड़ा। वर्तमान में वह स्वयं ही मशरूम का उत्पादन कार्य कर रही हैं साथ-साथ महिलाओं पुरुषों को प्रशिक्षण भी देकर कृषि के कार्य के साथ-साथ नवीन तकनीकी से कृषि कर आत्मनिर्भर बनने को प्रेरित कर रहीं हैं ।