आर्मी कैडेट कॉलेज में इस सेमेस्टर से पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी चीनी भाषा, सीमा विवाद सुलझाने में होगी मददगार

भारत और चीन के बीच लंबे समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध चल रहा है। साथ ही उत्तराखंड के बाड़ाहोती व आसपास की सीमा में भी चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरें आती रहती हैं। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-चीन के बीच विवाद का हल संवाद से ही संभव है। लिहाजा दोनों देशों के बीच की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आर्मी कैडेट कालेज में अब मंदारिन भाषा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।

कैडेट्स को सिखाई जा रही मंदारिन भाषा

आर्मी कैडेट कालेज में अब मंदारिन भाषा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। कैडेट्स को इस सेमेस्टर से चीनी भाषा सिखाई जा रही है। इसके लिए यहां लैंग्वेज लैब भी स्थापित की गई है। सैन्य अफसरों का मानना है कि कैडेट्स को मंदारिन भाषा का ज्ञान होगा तो वे चीनी सैनिकों की बातों को सही से समझने के साथ ही वाजिब जवाब भी दे पाएंगे।