जलवायु परिवर्तन व्यापक स्तर पर तेज़ी से हो रहा है और यह प्रक्रिया गहन रूप धारण कर रही है: यूएन रिपोर्ट

जलवायु परिवर्तन पर अन्तर-सरकारी पैनल (IPCC) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि जलवायु परिवर्तन व्यापक स्तर पर तेज़ी से हो रहा है और यह प्रक्रिया गहन रूप धारण कर रही है । आईपीसीसी द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिकृ मौजूदा समयावधि में, कुछ रुझानों की दिशा पलट पाना सम्भव नहीं होगा ।

जलवायु परिवर्तन 2021” “भौतिक विज्ञान” का स्‍वागत किया है

भारत ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति के कार्य समूह- एक की छठी आकलन रिपोर्ट- “जलवायु परिवर्तन 2021” “भौतिक विज्ञान” का स्‍वागत किया है। आकलन रिपोर्ट को कल जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति-आईपीसीसी ने जारी किया। अनेक भारतीय वैज्ञानिकों ने इस रिपोर्ट को तैयार करने में योगदान किया है।

जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्‍या से निपटने के अनेक कदम उठाये हैं

पर्यावरण मंत्री भूपेन्‍द्र यादव ने ट्वीट संदेश में बताया कि यह रिपोर्ट विकसित देशों से तुरंत कार्बन उत्‍सर्जन में कटौती करने का आह्वान करती है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदृष्‍टा नेतृत्‍व में भारत ने जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्‍या से निपटने के अनेक कदम उठाये हैं।

बढते तापमान से मौसम में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होंगे

भारत का मानना है कि जलवायु परिवर्तन दक्षिण एशियाई मानसून को प्रभावित कर रहा है। आईपीसीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मानसून की वर्षा और तेज हो सकती है। बढते तापमान से मौसम में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होंगे, जिनमें भीषण गर्मी और वर्षा भी शामिल हैं। भारत में कार्बन उत्‍सर्जन की मौजूदा दर अन्‍य देशों की तुलना में बहुत कम है।भारत ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बड़ी हद तक सभी अंतराष्‍ट्रीय कानूनों का पालन किया है, जिसे दुनिया की अनेक स्‍वतंत्र एजेंसियों ने भी माना है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के अनेक प्रभावी कदम उठाये हैं। इनमें अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा नियंत्रण संरचना, नवीकरणीय उर्जा का उत्‍पादन 2030 तक बढ़ाकर 450 गीगावाट तक ले जाने का लक्ष्‍य, राष्‍ट्रीय हाईड्रोजन मिशन की महत्‍वाकांक्षी योजना तथा आर्थिक वृद्धि की प्रक्रिया से उत्‍सर्जन को हटाने जैसे उपाय शामिल हैं।