भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-हैदराबाद के अनुसंधानकर्ताओं ने कॉर्निया प्रत्यारोपण का विकल्प विकसित किया है। हैदराबाद के आईआईटी में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर फाल्गुनी पती और उनकी अनुसंधान टीम ने एक आसान और नवाचारी प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए मानव और पशुओं की निष्क्रिय हो चुकी कॉर्निया से हाइड्रोजेल तैयार किया है।
हाईड्रोजेल लगाने से कॉर्निया को क्षतिग्रस्त हुए बिना फिर से विकसित किया जा सकता है
इसका उपयोग जटिल सर्जरी के बदले किया जायेगा । और कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त उतक निर्माण से रोका जा सकेगा। अभी तक चोट लगने के बाद कॉर्निया को क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिये कोई समाधान उपलब्ध नहीं है। अनुसंधान टीम ने बताया कि चोट के तुरंत बाद हाईड्रोजेल लगाने से कॉर्निया को क्षतिग्रस्त हुए बिना फिर से विकसित किया जा सकता है।