कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट भारत में कोविड की दूसरी लहर के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जा रहा है सरकारी अध्ययन के अनुसार डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही मिला था । जिस कारण पिछले दिनों में कारोना संक्रमण तीव्रता से फैलता चला गया ।
50 % अधिक संक्रामक है
भारत में दूसरी लहर क्यों तेजी से फैली, इसकी जांच के लिए यह अध्ययन शुरू किया गया था। जिसमे यह खुलासा हुआ कि डेल्टा वैरिएंट अल्फा स्ट्रेन के मुकाबले 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है।
भारतीय SARS COV2 जीनोमिक कंसोर्टिया और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा संस्करण या B.1.617.2 स्ट्रेन ब्रिटेन के केंट में मिले अल्फा स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक है।
पिछले 11 दिनों से पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से कम है
अध्ययन में कहा गया है कि भारत में 29,000 कोविड मामले के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है। 8,900 नमूनों में वेरिएंट बी.1.617 पाया गया है। उनमें से 1,000 से अधिक नमूनों का डेल्टा संस्करण के लिए परीक्षण किया गया। पिछले 24 घंटे में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1.32 लाख नए मामलों के साथ भारत में अब तक 2.85 करोड़ से अधिक कोविड मामले दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी लहर खत्म हो रही है। पिछले 11 दिनों से पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से कम है।
12,000 से अधिक वैरियंट के आये मामले
वर्तमान में चल रहे भारत के अध्ययन के मुताबिक जीनोमिक अनुक्रमण (genomic sequencing) से पता चला है कि देश में 12,200 से अधिक वैरिएंट के अलग-अलग मामले आ चुके हैं। हालांकि उनकी उपस्थिति डेल्टा वेरिएंट की तुलना में बहुत कम है।