धर्म जागरण समन्वय कुमाऊं प्रमुखों एवं संयोजकों द्वारा पुनः उत्तराखंड सरकार से योग विधा के विकास हेतु योग में नियुक्तियां करने की अपील- योगाचार्य, विपिन चन्द्र जोशी

विश्व योग दिवस 21 जून 2021 से शुभ आरंभित धर्म जागरण समन्वय कुमाऊँ अंचल पाक्षिक जनपदीय योगशाला संचालित है जिसमें संस्कृति संयोजकों प्रमुखों, संतो, योगाचार्यों धर्माचार्यों एवं परियोजना, निधि, विधि, प्रशासनिक, सम्पर्क प्रमुखों, मातृशक्ति, संयोजकों एवं सदस्यों द्वारा संचालित किया गया ।

योग व्‍याख्‍यान दिए गए

प्रांत प्रमुख ऋतुराज जी निर्देशन मे मनोचिकित्सक प्रो0 आराधना शुक्ला मातृशक्ति ज़िला संयोजिका के सानिध्य में  सहयोगी संत बृहस्पतिगिरि जी, दीपकगिरि जी, रुद्रगिरि जी, श्रीनाथ जी, अफ़ीमिनाथजी, कस्तुरी गिरि जी, पवनदास जी, कच्चा हारी महाराज, एवं माँ पूर्णागिरि के पंडित भुवनचंद पांडे, माँ कोटगाडी के पंडित पाठक जी, हाटकालिका के पंडित पंकज पंत, जागेश्वर धाम के पंडित कैलाश चंद्र भट्ट जी (हेमंत जी), वनदेवी से पंडित राजेश जोशी (शास्त्री जी), नैनीताल से हरिओम शास्त्री जी, एडवोकेट संजीव मंडल जी,मोहित साह जी, किशन जी, प्रशासनिक प्रमुख कैलाश सुयाल जी, विमलेश जी कश्मीरा जी, कमल जी, प्रताप जी, हल्द्वानी से पंडित खीमानंदजी, भुवन जी, हितेश जी, एडवोकेट भुवन त्रिपाठी जी, रानीखेत से नवल किशोर जी, जसवंत जी दिनेश जी, अमित जी, पिथौरागढ से बिशन जी, बाफिला जी, नवीन जी गोपाल दत्त सती जी, मातृशक्ति ज़िला संयोजिका प्रमिला जी अल्मोड़ा से मनोज जी, कैलाश जी, गिरिराज जी अभिनव जी, हेम गुरुरानी जी दरवान सिंह रावत जी,नन्दन जी बहादुर सिंह जी, दीपक वर्मा जी, हिमांशु साह जी, सूरज, शंकर, निर्मल जी, विजय आदि के द्वारा योग व्‍याख्‍यान दिए गए l

सरकार से योग विधा के विकास हेतु नियुक्तियां की अपील

योगशाला के मुख्य अतिथि योगाचार्य पंडित विपिन चन्द्र जोशी जी द्वारा योग उत्थान हेतु धर्म जागरण समन्वय के सफल प्रयासों की सराहना की गई। कोविड काल में निरंतर मानसिक रूप से कमजोर लोगों की निशुल्क योग मनोचिकित्सा एवं राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय वेबिनारों में करवाई हेतु प्रो0 आराधना शुक्ला जी की सराहना करते हुए धर्म जागरण समन्वय कुमाऊं प्रमुखों एवं संयोजकों द्वारा पुनः उत्तराखंड सरकार से योग विधा के विकास हेतु योग में नियुक्तियां करने हेतु पूर्व प्रेषित ज्ञापनों में शीघ्र करवाई करने की अपील की गई। जिससे योग शिक्षा द्वारा बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा, मानसिक विकास तथा महामारी व्याधि की रोकथाम यथासम्भव नियंत्रित होगी।