संसद में एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय वित्त (राज्य ) मंत्री भगवत किशनराव कराड़ ने बताया कि देश के सरकारी बैंक डिजिटल पेमेंट में अग्रिणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 72% वित्तीय लेनदेन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डिजिटल माध्यम से होता है। उन्होंने आगे सदन में बताया डिजिटल माध्यम से होने वाला लेनदेन 2019-2020 के मुकाबले 2020-21 में लगभग दोगुना हो गया है। पिछले साल 3.4 करोड़ लेनदेन हुए थे, जो इस साल बढ़कर 6.7 करोड़ हो गए हैं।
मंत्री ने कहा कि बैंकिंग के लिए लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिए जाते हैं और आरबीआई ने सूचित किया है कि वह वर्तमान में डिजिटल बैंकों के लिए एक अलग कोई अन्य लाइसेंसिंग श्रेणी पर विचार नहीं कर रहा है।
कोरोनाकाल में हुई डिजिटल लेनदेन में वृद्धि
भारत में लगातार डिजिटल पेमेंट के ट्रेंड में तेजी आ रही है। देश में साल 2016 में जब नोटबंदी हुई तो बड़े पैमाने पर लोगों ने डिजिटल पेमेंट का विकल्प चुना। साल 2020 से इसमें कोविड-19 महामारी की वजह से और तेजी आई है। अनुमान लगाया गया है कि भारत में साल 2025 तक डिजिटल पेमेंट्स की आदत में 71.7 फीसदी तक का इजाफा हो जाएगा। वहीं, कैश और चेक से पेमेंट बस 28.3 फीसदी ही रह जाएगा।
डिजिटल लेनदेन हुआ तेज
इसी क्रम में 4 नवंबर 2016 को भारत में 17,74,187 करोड़ रुपये के नोट प्रचलन में थे, जो 29 जनवरी 2021 को बढ़कर 27,80,045 करोड़ के नोट प्रचलन में होगए। देखने पर ये हमें भले ही बढ़े हुए लग रहे हैं लेकिन इनके बढ़ने की रफ्तार में भारी कमी आई है। इसका कारण सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे हैं डिजिटल पेमेंट के प्रयास। इसी का नतीजा है कि डिजिटल भुगतान की कुल मात्रा वित्त वर्ष 2017-18 में 1459.02 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 4371.18 करोड़ हो गई है। इस हिसाब से डिजिटल भुगतान 10 गुना अधिक बढ़ गया है। इतनी तेज गति से बढ़ना काफी आश्चर्यजनक है।
अमेरिका और चीन से आगे निकला भारत
मार्च 2020 में 2.06 लाख करोड़ रुपए का UPI ट्रांजैक्शन हुआ, जो मार्च 2021 में 5.04 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। आने वाले 5 सालों में टेक्नोलॉजी और बदलने वाली है। डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत में साल 2020 में 25.5 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए तो वहीं चीन में 15.6 बिलियन, साउथ कोरिया में 6 बिलियन, थाइलैंड में 5.2 बिलियन और यूनाइटेड किंगडम में 2.8 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए। वहीं अमेरिका का नंबर सबसे आखिरी में आया और यहां पर 1.2 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए।