अल्मोड़ा नगर की एक होनहार बेटी भी यूक्रेन में फंस गई हैं। रूस का यूक्रेन पर हमला करने की खबर मिलते ही उसके परिवार वालों समेत पूरे इलाके में उसकी सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं।
नगर के ब्राइड इन कॉर्नर निवासी पूर्व सैनिक मदन सिंह चौहान और मुन्नी देवी की तीन भाई बहनों में सबसे छोटी बेटी लिपिका चौहान यूक्रेन के डेनिप्रो यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले की खबर सुनते ही माता-पिता समेत अन्य परिजन बेटिया की सलामती के लिए परेशान हैं। माता मुन्नी देवी ने बताया कि बीते गुरुवार शाम उनकी लिपिका से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात हुई थी। तब लिपिका बेहद घबराई हुई थी। इस दौरान मुन्नी देवी के आंखू छलक आये। लिपिका ने अपनी माता को बताया कि यहां हालात बद से बत्तर होते जा रहे हैं। बताया कि बीते दो दिनों से वह उनके उनके साथी सो नहीं पाए हैं। पिता मदन सिंह चौहान ने सरकार से बेटी समेत अन्य भारतीयों को सुरक्षित लाने की मांग की है। मामले को लेकर अल्मोड़ा एसएसपी को सूचित किया है।
दो दिन से सो नहीं पाये, बाहर हो रहे बम धमाके
यूक्रेन में फंसी अल्मोड़ा की बेटी लिपिका की जब विडियो कॉलिंग के माध्यम से अपनी माता मुन्नी देवी से बात हुई तो, उसने यूक्रेन की हालात बताये। लिपिका ने अपनी आपबीती बताते माता को बताया कि वह और उसके अन्य दोस्त दो दिनों से सो नहीं पाये है। बाहर हर समय बम धमाकों की अवाज सुनाई दे रही है। जिससे वह भयभीत है। अपने वतन वापसी के लिए हर समय मदद की गुहार लगा रहे हैं।
एयरपोर्ट बंद होने से बढ़ी चिंता
माता मुन्नी देवी ने बताया कि यूक्रेन में हालात बिगड़ने से पहले ही वो बेटी को वापस लाने की जुगत में जुट गए थे। लिपिका की सकुशल फ्लाइट से वापसी के लिए उन्होंने 60 हजार भी यूक्रेन भेज दिया था और 27 फरवरी को उसकी भारत वापसी की फ्लाइट है। लेकिन अब युद्ध शुरू होने के बाद ज्यादातर एयरपोर्ट बंद कर दिये गये हैं।
पूरा परिवार है चिंतित
लिपिका ने अपनी माता को बताया कि ‘हमें अपने कमरे में ही रहने और दूतावास से संपर्क में रहने को कहा गया है’। एटीएम और खाने पीने की सामग्री की दुकानों पर मारामारी की स्थिति है। कहा कि भारतीय छात्रों के भविष्य को देखते सरकार को जल्द से जल्द सभी को भारत वापस लाने की कयावद करनी चाहिए।