डिफेंस सेक्टर में देश को आधुनिक टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है ताकि हम भविष्य के लिए तैयार हो सकें। अब इसी सिलसिले में डिफेंस टेक्नोलॉजी में भी एमटेक शुरू कर दिया गया है।
शिक्षा में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े विषय में एम.टेक प्रोग्राम नहीं था
अभी तक देश में इंजीनियरिंग की शिक्षा में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े विषय में एम.टेक प्रोग्राम नहीं था। लेकिन, अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने मिलकर इस कार्यक्रम को शुरू किया है।
इस प्रकार होगा प्रोग्राम स्ट्रक्चर
प्रोग्राम स्ट्रक्चर – इसमें 4 सेमेस्टर होंगे जिसमें अभ्यर्थी को व्हीकल इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन सिस्टम एंड सेंसर, डायरेक्टेड एनर्जी टेक्नोलॉजी, नेवल टेक्नोलॉजी और हाई एनर्जी मटेरियल्स टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे। पहले और दूसरे, दोनों सेमेस्टर में छात्रों को डीआरडीओ लैब, पीएसयू या प्राइवेट डिफेंस इंडस्ट्री की लेबोरेटरी में ले जाया जायेगा।
कौशल और योग्यता वाले युवाओं को तैयार करना है
इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य डिफेंस टेक्नोलॉजी और मेथड्स से जुड़ी जरूरी प्रैक्टिकल नॉलिज, कौशल और योग्यता वाले युवाओं को तैयार करना है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी. सतीश रेड्डी इसके बारे में बताते हैं कि कुछ साल पहले तक जो भी डिफेंस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करते थे वह अपने कॉलेज समय में बेहद बेसिक चीजें ही पढ़ पाते थे, पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद वह प्रैक्टिकल नॉलिज के लिए लैब और अन्य जगह जाते थे और वहां से असल में सीखना शुरू करते थे। लेकिन अगर ऐसे कोर्स हमारे अकादमिक सत्र में ही जोड़ दिए जाएंगे और फिर हम पढ़ाई करके लैब्स में जाएंगे तो बेहतर तरीके से सीख पाएंगे।