प्रदेश में बढ़ती हुए सड़क दुर्घटनाओं और उससे होने वाली जानहानि को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यातायात नियमों का पालन ना करने वालों पर सख्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया है। राज्य में अब यदि किसी वाहन दुर्घटना से जनहानि होती है तो ऐसे वाहन चालक का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा दुर्घटना संभावित स्थलों में स्पीड राडार गन युक्त एपीएनआर (आटोमेटिक नंबर प्लेट रिक्गनेशन) कैमरे लगाए जाएंगे जिससे यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों की आसानी से पहचान हो सकेगी और उनके खिलाफ कार्यवाही करने में मदद मिलेगी। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ आटोमेटिक चालक प्रक्रिया भी शुरू की जाने वाली है।
अपराधी को पकड़ने में आसानी हो
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कुछ समय पहले सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक ली थी और इसके बाद मुख्य सचिव एसएस संधु ने भी सड़क सुरक्षा के संबंध में बैठक की थी। इन बैठकों का कार्यवृत्त जारी हो गया है। और इनमें राज्य में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यह साफ़ किया है कि दुर्घटना से जनहानि होने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। जांच में चालक की गलती पाए जाने पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही अनिवार्य रूप से की जाएगी। साथ ही जारी दिशा-निर्देशों में तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने के लिए फिक्स कैमरों के साथ ही मोबाइल कैमरे लगाने की व्यवस्था भी की जाएगी जिससे अपराधी को पकड़ने में आसानी हो।
संवेदनशीलता के आधार पर सुधारीकरण कार्य किए जाएं
प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि दुर्घटना की दृष्टि से अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों को स्थिति के हिसाब से तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाए और संवेदनशीलता के आधार पर सुधारीकरण कार्य किए जाएं। मार्गों पर गैरकानूनी रूप से खोले गए मीडियंस की संयुक्त जांच की जाए और अवैध मीडियंस को बंद किया जाए।इसके अलावा दुर्घटना संभावित औद्योगिक संस्थानों के पास साइकिल ट्रेक निर्मित किए जाएं। इनकी रिपोर्ट प्रतिमाह लीड एजेंसी को दी जाए। और जहां क्रेश बैरियर नहीं लगे हैं, वहां इन्हें लगाने का काम तेज़ी से किया जाए और कोई भी अनियमितता पाये जाने पर तुरंत कार्यवाही की जाए।