संसद में फिर आज हंगामे के चलते ,कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर आज लगातार पांचवें दिन भी संसद के दोनों सदनों में व्यवधान जारी रहा। बार-बार स्‍थगन के बाद लोकसभा और राज्‍यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

प्रदर्शनकारी सदस्यों ने विरोध जारी रखा

चार बार स्थगन के बाद जब तीन बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके सहित विपक्ष के सदस्य इन मुद्दों पर विरोध करते हुए सदन के बीचों बीच आ गए। हंगामे के बीच सदन ने फैक्ट्रिंग विनियमन संशोधन अधिनियम 2021 और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता तथा प्रबंधन संस्थान विधेयक 2021 चर्चा के बिना ही पारित कर दिए। पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से बार-बार कामकाज चलने देने का आग्रह किया लेकिन प्रदर्शनकारी सदस्यों ने विरोध जारी रखा, जिसके कारण सदन को दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया

सुबह के समय भी कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, अकाली दल और अन्य दलों के सदस्यों ने कार्यवाही में बाधा डाली। शोर-शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। अध्यक्ष ने बार-बार सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने और कामकाज चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी सदस्यों के मुद्दों का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने विरोध जारी रखा।

राज्यसभा में भी शोर-शराबा और हंगामा

राज्यसभा में भी शोर-शराबा और हंगामा हुआ। पांच बार स्‍थगन के बाद पांच बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आरजेडी सांसद मनोज झा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सदन में गतिरोध दूर करने के लिए विपक्ष से संपर्क नहीं कर रही है।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने यह आरोप खारिज करते हुए कहा कि उन्‍होंने सदन का कामकाज सूचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्‍न राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की थी। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने भी यही बात कही।

नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक 2021 पर चर्चा का किया प्रयास

आसन ने शोर-शराबे के बीच नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक 2021 पर चर्चा का प्रयास किया गया, लेकिन असफल रहा। शोर-शराबा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी गई।

पेगासस जासूसी मुद्दे पर स्‍थगन प्रस्‍ताव के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया

इससे पहले कांग्रेस, टीएमसी और वाम दलों सहित विपक्षी सदस्य पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गए। समाजवादी पार्टी, एनसीपी, आरजेडी, शिवसेना और अन्य दलों के सांसद भी खड़े होकर शोर-शराबा करने लगे।
विपक्ष के नेता मल्‍लि‍कार्जुन खडगे ने यह कहते हुए पेगासस जासूसी मुद्दे पर स्‍थगन प्रस्‍ताव के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया कि यह महत्‍वपूर्ण मुद्दा है। लेकिन आसन ने उन्‍हें यह कहते हुए अनुमति नहीं दी की सभापति इसे पहले ही अस्‍वीकार कर चुके हैं।

विपक्षी सरकार के विरोध में नारे लगाते हुए सदन के बीच आ गए

केन्‍द्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नक्‍वी ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की कोई आवश्‍यकता नहीं है, क्‍योंकि इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्‍विनी वैष्‍णव सदन में पहले ही बयान दे चुके हैं।
हंगामे के बीच स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2012 को वापस ले लिया गया। दिन में 12 बजे हंगामे के बीच उपसभापति हरिवंश ने प्रश्‍नकाल चलाने की कोशिश की लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे सदस्‍यों ने ऐसा नहीं होने दिया।
कांग्रेस, टीएमसी, वाम दल और आम आदमी पार्टी के सदस्‍य सरकार के विरोध में नारे लगाते हुए सदन के बीच आ गए।

कार्यवाही में व्यवधान के कारण कोई भी मुद्दा नहीं उठाया गया

सुबह के समय सभापति एम. वेंकैया नायडू ने पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए। उसके बाद कांग्रेस, टीएमसी, वाम दल और अन्य सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीच आ गए।
सभापति ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान जारी रहने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके कारण महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी। उन्होंने करीब 90 सदस्यों को जनहित के मुद्दे उठाने का अवसर नहीं देने पर चिंता प्रकट की, जबकि इन सदस्यों के नोटिस स्वीकार कर लिए गए थे।
सभापति ने कहा कि 63 सदस्यों के 57 मुद्दों को उठाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कार्यवाही में व्यवधान के कारण कोई भी मुद्दा नहीं उठाया जा सका।