पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार की घसियारी योजना के नाम पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मां-बहनें कुशल गृहणी रही हैं, वे कभी घसियारी नहीं रहीं। भाजपा महिलाओं के लिए घसियारी संबोधन पर इतरा रही है।
हमारी मां-बहनों की पहचान का भाजपा को अहसास नहीं
हरीश रावत ने कहा कि जियारानी से लेकर तीलू रौतेली तक वीरांगना के रूप में, संघर्ष की प्रतीक गौरा देवी और एवरेस्ट पर सरलता से चढ़ जाने वाली बछेंद्री पाल के रूप में हमारी मां-बहनों की पहचान का भाजपा को अहसास नहीं है। उत्तराखंड की महिलाएं अपनी प्रतिभा और साहस से हर क्षेत्र में झंडा गाड़ रही हैं। हाॅकी में तांग्सी-नुंग्शी, महिला क्रिकेट टीम में एकता बिष्ट, मानसी जोशी, स्नेह राणा, श्वेता वर्मा, बैडमिंटन में कुहू गर्ग ने अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाया है। हमारी बेटियां अपनी प्रतिभा से देश और प्रदेश दोनों का नाम रोशन कर रही हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर सकते हैं आज योजना को लांच
आपको बता दें कि आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड दौरे पर हैं। कहा जा रहा है कि इस अवसर पर गृह मंत्री प्रदेश सरकार की घसियारी कल्याण योजना को लांच करने जा रहे हैं। गांवों खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं को पशुचारे को पीठ पर लादकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस समस्या से निजात दिलाने को सरकार ने महत्वाकांक्षी घसियारी योजना प्रारंभ की है।