शतरंज में, अभिमन्यु मिश्रा ने सबसे कम उम्र में ग्रैंड मास्टर बनने का रचा इतिहास

भारतीय मूल के अमरीकी अभिमन्यु मिश्रा ने सबसे कम उम्र में शतरंज ग्रेंड मास्टर का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने सरगेई कर्जाकिन का रिकॉर्ड तोड़ा, जो  2002 में 12 वर्ष सात महीने की आयु में चैंपियन बने थे।

15 वर्षीय जीएम लियोन को हराया

अभिमन्यु ने यह उपलब्धि 12 साल चार महीने और 25 दिन की अवधि में हासिल की। बुडापेस्ट में उन्होंने भारत के 15 वर्षीय जीएम लियोन को हराया। अभिमन्यु ने कहा कि लियोन के खिलाफ मुकाबला मुश्किल था पर आखिर में उन्होंने जो गलती की, उसका उन्हें फायदा मिला। और उन्होंने उन गलतियों का अच्छे से इस्तेमाल किया। जीत के साथ  ग्रैंड मास्टर बनने की उपलब्धि हासिल कर अभिमन्यु बहुत ही खुश हैं ।

पहला जीएम अप्रैल में हासिल किया था


दरअसल ग्रैंड मास्टर बनने के लिए 100 ईएलओ पॉइंट और 3 जीएम नार्म की जरूरत होती है । अभिमन्यु ने अपना पहला जीएम अप्रैल में हासिल किया था । वही मई में अपना दूसरा जीएम पाया था और अब तीसरा जीएम नॉर्म हासिल करने के बाद  वह ग्रैंडमास्टर बन चुके हैं ।

अभिमन्यु की जीत के पीछे माता- पिता का हाथ

अभिमन्यु की इस जीत के पीछे उनके माता -पिता  का बड़ा हाथ है । अभिमन्यु के पिता न्यूजर्सी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं । उन्होंने फैसला लिया था कि उनका बेटा यूरोप जाकर ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट खेलेगा। अभिमन्यु के माता पिता चाहते थे कि उनका बेटा अभिमन्यु सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने। अभिमन्यु के पिता हेमंत मिश्रा और माता स्वाति मिश्रा ने कहा कि आज हमारा सपना साकार हुआ है  । और हम अपनी खुशी को बयां नहीं कर सकते ।