एयरफोर्स में शामिल हुई MR-SAM मिसाइल सिस्टम, ख़राब मौसम में ऐसे करता है काम

डीआरडीओ ने राजस्थान के जैसलमेर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना को वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सौंपी। MR-SAM रक्षा प्रणाली भारतीय वायु सेना की 2 हजार 204 स्‍कवॉडर्न को सौंपी गई।

70 किमी की रेंज में एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सिस्टम खराब मौसम में भी 70 किलोमीटर की रेंज में कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने में पूरी तरह से सक्षम है। अनेक कड़े परीक्षणों में इसकी सफलता इसकी विश्वसनीयता का प्रमाण है। विरोधी लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, यूएई और इसी तरह के अन्य सिस्टम को निपटाने में सक्षम यह मिसाइल सिस्टम हमारी एयर डिफेंस सिस्टम में एक गेम चेंजर साबित होगा। ऐसा मेरा विश्वास है। एयर फोर्स ने इस मिसाइल का इंडक्शन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों का भी एक बहुत बड़ा उदाहरण है।

खराब मौसम में भी करता है काम

MR-SAM प्रणाली लड़ाकू विमान, यूएवी, हेलीकॉप्टर, निर्देशित और बिना निर्देशित युद्ध सामग्री, सब-सोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों जैसे हवाई खतरों के खिलाफ हवाई सुरक्षा प्रदान करता है। यह मिसाइल प्रणाली 70 किलोमीटर के अपने दायरे में आने वाले एक साथ कई अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है। यह खराब मौसम में भी काम करता है और अपने परीक्षणों में यह साबित कर चुका है कि यह एक भरोसेमंद रक्षा प्रणाली है। MR-SAM में एक कमांड कंट्रोल सिस्टम, ट्रैकिंग रडार, मिसाइल और मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है।

भारत और इजरायल ने मिल कर बनाया

MR-SAM में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (एमएलएस), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (एमपीएस), रडार पावर सिस्टम (आरपीएस), रीलोडर व्हीकल (आरवी) और फील्ड सर्विस व्हीकल (एफएसवी) शामिल हैं। इसे भारत और इजरायल की कंपनियों ने मिल कर बनाया है। भारतीय उद्योग के सहयोग से MSME सहित निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के साथ तालमेल कर डीआरडीओ और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक उन्नत नेटवर्क केंद्रित लड़ाकू वायु रक्षा प्रणाली है। इसका प्रयोग देश की तीनों सेनाएं कर सकेंगी।