शारदीय नवरात्रि 2022: हाथी पर सवार होकर आ रही दुर्गा मां, जानें कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन से शारदीय नवरात्रि की शुरुवात हो जाती  है । शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना से जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है । शारदीय नवरात्रि व्रत 26 सितंबर 2022, सोमवार से शुरू होकर 5 अक्टूबर 2022, बुधवार को विजयदशमी पर समाप्त होंगे। नवरात्रि के इन 9 दिनो मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने के साथ ही उन्हें अलग-अलग व्यंजनों का भोग भी लगाया जाता है।

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग गणना के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन यानि 26 सितंबर 2022 को कलश स्थापना के दिन शुभ मुहूर्त का संयोग बन रहा है। 26 सितंबर को देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक ही रहेगा। वहीं अगर आप इस मुहूर्त में किसी कारण से कलश स्थापना न कर पाएं तो दूसरा शुभ मुहूर्त अभिजीत होगा जो सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। इस दिन शुक्ल और ब्रह्रा योग का शुभ संयोग होगा। ज्योतिषशास्त्र में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के लिए इन योग को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन कलश स्थापना करते हुए विधि-विधान से मां दुर्गा की उपासना शुरू होगी फिर अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाएगा। मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आती हैं।

शारदीय नवरात्रि पर बनेगा शुभ संयोग

पितृपक्ष की अमावस्या तिथि के खत्म होने के अगले दिन बाद ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है। 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या होने के पश्चात् 26 सितंबर को शारदीय नवरात्रि आरंभ हो गई है । शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाएगी। इसके अलावा अष्टमी तिथि 03 अक्तूबर को मनाई जाएगी उस दिन का भी मुहूर्त बहुत ही शुभ माना जा रहा है।

इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

जैसा कि हर नवरात्रि पर मां दु्र्गा अलग-अलग वाहन की सवारी करते हुए आती हैं। इस बार अश्विन माह की शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं इसे शुभ संकेत माना जाता है। यह लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि आने का सूचक माना जाता है।

शारदीय नवरात्रि 2022 प्रतिपदा की तिथि

प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 22 मिनट पर होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन  27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 09 मिनट पर होगा।

कब होगा कन्या पूजन

नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करने का चलन है। यदि अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, तो अष्टमी तिथि की शुरुआत 02 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 48 मिनट से होने वाली है। वहीं इस तिथि का समापन 03 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। जबकि यदि नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, तो इस तिथि की शुरुआत 03 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर होकर इसका समापन 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर होगा।

नवरात्रि में पूजी जाने वाली देवियों को ये ख़ास रंग हैं पसंद

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान पूजी जाने वाली 9 देवियों को अपना एक खास रंग पसंद होता है। जिसे पहनकर पूजा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं।
* नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री की पूजा और आराधना के लिए पीले रंग की प्रयोग किया जाता है।

इन मंत्रों का करें जाप

ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

* नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती हैं। इनकी पूजा में हरे रंग के कपड़े पहनने की मान्यता है।
* नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। इस दिन स्लेटी या ग्रे रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने की परंपरा है।
* नवरात्रि के चौथे दिन देवी माता कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। इनकी पूजा के दौरान नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
* नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता का है। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए सफेद रंग के कपड़े पहने जाते हैं।
* नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती हैं। मां की आराधना के लिए लाल रंग के कपड़े पहने जाते हैं।
* नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है। रात्रि के समय होने वाली इनकी विशेष पूजा में नीले रंग के कपड़े पहनने का विधान है।
* नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। अपने दिन को शुभ बनाने के लिए गुलाबी रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं।
* नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माना जाता है कि बैंगनी रंग से मां प्रसन्न होती हैं और मां सिद्धिदात्री सब सिद्धियों को पूरी करती है।