केंद्रीय सिविल एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ड्रोन की नई पॉलिसी को अगली बिग टेक क्रांति बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “दुनियाभर में ड्रोन की वजह से अगली बिग टेक क्रांति आने वाली है। भारत के स्टार्टअप इसकी मदद से, कम लागत, संसाधनों और समय में ऑपरेशन पूरा कर सकेंगे।” तो चलिए विस्तार से समझते हैं ड्रोन पॉलिसी क्या है? इससे क्या होगा? इन्हे कहां उड़ा सकेंगे और क्या हम भी ड्रोन ले सकते हैं?
क्या है नई ड्रोन पॉलिसी?
नई पॉलिसी में ड्रोन का एक अलग रूट, प्लेटफॉर्म, रजिस्ट्रेशन, यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जैसी चीजों में बारे में बताया गया है। देश में ड्रोन उड़ाने वालों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल ‘डिजिटल स्काई’ होगा। इस डिजिटल स्काय प्लेटफॉर्म के माध्यम से ड्रोन टेक्नोलॉजी फ्रेमवर्क, जैसे कि नो परमिशन, नो टेक-ऑफ, फ्लाइट परमिशन, ड्रोन के ऑपरेशन व ट्रैफिक को प्रभावी तरीके से मैनेज करना, ये सब ऑपरेट किया जायेगा । इसके साथ ड्रोन ट्रैफिक के लिए एक अनआर्म्ड एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) सिस्टम भी लॉन्च किया जायेगा।
क्या कुछ नया किया गया है?
नई पॉलिसी सेल्फ-सर्टिफिकेशन पर आधारित है। आसान शब्दों में समझें, तो ड्रोन से जुड़ी सभी जिम्मेदारी उसके मालिकों की रहेगी। इसमें सरकार का हस्तक्षेप कम से कम रहेगा। इस प्रक्रिया को आसान किया गया है ताकि कारोबार करना आसान हो सके। इसके साथ, जहां कई तरह के अप्रूवल्स खत्म कर दिए गए हैं, वहीं ड्रोन के कवरेज को भी 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो कर दिया गया है। नियमों के उल्लंघन पर 1 लाख रुपए तक दंड रखा गया है। रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी तरह का सिक्योरिटी क्लियरेंस भी नहीं लगेगा।
क्या होगा ड्रोन का रूट?
ड्रोन के रूट की अगर बात करें, तो आसमान को तीन जोन में बांटा जायेगा। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ग्रीन, यलो और रेड जोन के साथ एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप बनाया जायेगा। ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक, ग्रीन जोन जमीन से 400 फीट ऊपर होगा, यलो जोन 200 फीट ऊपर और इसके साथ-साथ रेड (नो-गो एरिया) जोन भी बनाया जायेगा। वहीं यलो जोन का दायरा है एयरपोर्ट से 45 किमी दूर तक रखा था, उसे घटाकर 12 किमी कर दिया गया है। ग्रीन जोन में फ्लाइट के लिए परमिशन नहीं लगेगी। यलो और रेड जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल अथॉरिटी से परमिशन लेनी होगी।
कैसे कर पाएंगे ड्रोन का रजिस्ट्रेशन और डी-रजिस्ट्रेशन ?
1. कोई भी व्यक्ति बगैर इस यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर के ड्रोन का संचालन नहीं करेगा। ड्रोन के इस यूआईएन नंबर को उसके मैन्युफैक्चरर द्वारा प्रदान किये गए सीरियल नंबर, उसके फ्लाइट कंट्रोल नंबर और ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन से लिंक किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति फ्लाइट कंट्रोल मॉड्यूल या ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन के सीरियल नंबर को नहीं बदलेगा, इसके लिए पहले डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर उसे अपडेट करना होगा।
2. अगर आपके पास 31 दिसंबर 2021 से पहले से कोई ड्रोन है तो उसे कुछ डिटेल्स देकर डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर अपडेट करना होगा और उसका यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जेनरेट किया जायेगा। इसके साथ अगर ड्रोन ट्रांसफर करना है यानि आपको वह ड्रोन किसी को देना है, तो डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर ट्रांसफर करने वाले की डिटेल्स, जिसको ट्रांसफर किया जा रहा है उनकी डिटेल्स और यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर अपडेट करना होगा।
3. ड्रोन का डी रजिस्ट्रेशन यानि पंजीकरण रद्द करना हो तो इसकी सारी अपडेट भी डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर जमा करनी होगी।
देश में अभी कौन-सी ड्रोन पॉलिसी लागू है?
मार्च 2021 में केंद्र सरकार ने अनआर्म्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम रूल, 2021 जारी किये थे, ये नए रूल्स इसे ही रिप्लेस करेंगे। मंत्रालय द्वारा एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत ड्रोन पॉलिसी को दोबारा ड्राफ्ट किया गया है। इस ड्राफ्ट पर 5 अगस्त तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं। अगर आपके पास भी इसे लेकर कोई सुझाव या आपत्ति है तो sdit.div-moca@gov.in पर भेज सकते हैं।