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टोक्यो में होने वाले पैरालंपिक के लिए सभी भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी कमर कस ली है। गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई टोक्यो पैरालंपिक में भाग लेंगे। वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन ने उनका चयन किया है। सुहास एलवाई एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ तेज तर्रार खिलाड़ी भी है। उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर कई बार देश का झंडा बुलंद किया है।
देश के लिए खेलना गर्व की बात
कोविड काल में नोएडा की जिम्मेदारी और ओलंपिक की तैयारी पर उन्होंने कहा कि दोनों अलग-अलग जिम्मेदारी है और बहुत गौरव की बात है कि भारत की ओर से पैरालंपिक का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि इससे पहले के कई अंतरराष्ट्रीय खेलों में जैसे एशियन पैरा गेम्स हो या अन्य कॉम्पिटिशन में भी भारत के लिए मेडल जीतने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा इससे बड़ा गौरव एक खिलाड़ी के लिए नहीं हो सकता है और उम्मीद करता हूं कि टोक्यो ओलंपिक में भी अच्छा परफॉर्मेंस दे सकूं।
वहीं पैरालंपिक में तीसरे नंबर के खिलाड़ी सुहास एल वाई ने कहा कि कोशिश रहेगी की अपना नेचुरल गेम खेलूं।
प्रशासनिक सेवा के साथ खेल की तैयारी
प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ खेल की तैयारी के लिए समय निकालने के बारे में उन्होंने कहा कि इस धरती पर हर इंसान के पास एक ही जिंदगी है और 24 घंटे ही हैं। एक बार उम्र चली जाएगी तो वापस नहीं आनी है। इसलिए हमें प्रायरिटीज करना है कि हम करना क्या चाहते हैँ। मुझे भगवान की कृपा से सेवा का मौका मिला है, जिससे मुझे प्यार है और बैडमिंटन भी मेरा पैशन है। ऐसे में जब आप अपनी पसंद की चीजें करते हैं तो आप थकते नहीं है बल्कि उत्साह रहता है। ट्रेनिंग करना हो या काम करना हो आपको बोरियत महसूस नहीं होती है।
सुहास एल वाई कहते हैं जिस तरह से हमारे बाकी खिलाड़ियों मे अपना शानदार प्रदर्शन किया है। पैरा ओलंपिक में भी हम अपना बेहतरीन करने का पूरा प्रयास करेंगे।
कौन हैं सुहास एल वाई
सुहास लालिनाकेरे यथिराज मूलरूप से केरल के रहने वाले हैं और 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं। सुहास की पत्नी रितु सुहास एक पीसीएस अफसर हैं। कोरोना काल में मार्च 2020 में सीएम योगी ने उन्हें गौतम बुद्ध नगर की कमान सौंपी थी, तब से वह जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। 2016 में हुए एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप बीजिंग में वह एक पेशेवर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बने। इसके बाद 2018 में सुहास बतौर डीएम इलाहाबाद में पदस्थ थे, उन्होंने इंडोनेशिया में आयोजित पैरालम्पिक एशियन गेम देश को कांस्य पदक दिलाया था।
इस बार का 54 खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल हिस्सा ले रहा है
बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के बाद अब पैरालंपिक की बारी है,जिसमें दिव्यांग खिलाड़ी जोश और जज्बे के साथ अपना प्रदर्शन करेंगे। पैरालंपिक गेम की शुरुआत 24 अगस्त से हो रही है, जिसके लिए भारत की ओर से इस बार का 54 खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल हिस्सा ले रहा है।
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