हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है “पेपर बैग डे”, आइये जाने इसका इतिहास और महत्व

हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है “पेपर बैग डे”। इस दिन को मनाने का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद करने के लिए प्लास्टिक के बजाय पेपर बैग का उपयोग करने के बारे में जागरूकता फैलाना है।

“पेपर बैग डे” का इतिहास-

1852 में एक अमेरिकी आविष्कारक फ्रांसिस वोले ने पहली पेपर बैग मशीन की स्थापना की थी। इसके अलावा 1871 में, मार्गरेट ई. नाइट ने एक और मशीन तैयार की जो फ्लैट-बॉटम पेपर बैग का उत्पादन कर सकती है। वह प्रसिद्ध हो गई और “किराने की थैली की माँ” के रूप में जानी जाने लगी। 1883 में, चार्ल्स स्टिलवेल ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया, जो प्लीटेड पक्षों के साथ चौकोर-नीचे पेपर बैग का उत्पादन कर सकती है जिससे उन्हें मोड़ना और स्टोर करना आसान हो जाता है। 1912 में, वाल्टर ड्यूबनेर ने पेपर बैगको सुदृढ़ करने और कैरी करने के हैंडल जोड़ने के लिए एक कॉर्ड का उपयोग किया। इन वर्षों में, कई आविष्कारक आए और पेपर बैग के उत्पादन में सुधार किया।

“पेपर बैग” के लाभ-

पेपर बैग का इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल है। पेपर बैग में पैकेजिंग को अपमार्केट और उत्तम दर्जे का माना जाता है। पेपर बैग अक्षय संसाधनों से बने होते हैं और इसलिए इन्हें आसानी से रिसाइकिल किया जा सकता है। पेपर बैग बायोडिग्रेडेबल होते हैं और विषाक्त पदार्थों को नहीं छोड़ते हैं। पेपर बैग को सावधानी से संभालने के साथ बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। 
पेपर बैग को घर के कम्पोस्ट में आसानी से बनाया जा सकता है। पेपर बैग सस्ते और उपयोग में व्यावहारिक हैं।

जाने क़्यों मनाया जाता है “पेपर बैग डे”-

आज पूरी दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण की चपेट में आ गई है। इस वजह से यह दिन काफी ज्यादा खास हो जाता है। इस दिन सभी लोगो को पेपर बैग बाटे जाते हैं, ताकि लोग कही ना कही प्लास्टिक का इस्तेमाल करना बंद कर दे। इसके अलावा घर घर जाकर इसके फायदे भी बताए जाते हैं। इस दिन प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल ना करने के लिए लोगो को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक बैग को त्यागने का संदेश भी दिया जाता हैं।