इस वर्ष के नोबेल शान्ति पुरस्कार के लिए फिलीपीन्स की पत्रकार मारिया रसा और रूस के पत्रकार दिमित्री मुरातोफ को चुना गया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में उनके योगदान को देखते हुए यह पुरस्कार दिया गया है।
निर्भय होकर कार्य किया
नॉर्वे की नोबेल पुरस्कार समिति ने शांति और लोकतंत्र की रक्षा में इन दोनों पत्रकारों के निडर योगदान का उल्लेख करते हुए कहा है कि इन पत्रकारों ने अपने देश में सच्चाई और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए निर्भय होकर कार्य किया।
दुष्प्रचार किया जाता
58 वर्षीय रेसा ने यह दिखाया है कि किस तरह सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाकर अपने विरोधियों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता है और पूरे जनसंवाद को अपने तरीके से मोडा जाता है।
सुश्री रेसा के पास अमरीकी नागरिकता भी है और वे सी एन एन की संवाददाता भी रह चुकी हैं। रूस के मुरातोफ ने अपने देश में दशकों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल में संघर्ष करते रहे हैं।