प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन यूरोपीय देशों जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा पर आज रवाना होंगे। इस दौरान श्री मोदी तीनों देशों के साथ आपसी और बहुपक्षीय बैठकों में शामिल होंगे।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने नई दिल्ली में कहा कि श्री मोदी यात्रा के पहले चरण में आज जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचेंगे। श्री मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ से मिलेंगे। श्री क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेता छठी भारत-जर्मनी अंतर सरकारी बैठक की अध्यक्षता करेंगे। द्विवार्षिक आधार पर होने वाली इस बैठक में दोनों देशों के कई मंत्री शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की चांसलर शोल्ज़ के साथ पहली बैठक है।
तीन मई को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन
श्री क्वात्रा ने कहा कि जर्मनी की यात्रा संपन्न करने के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी तीन मई को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचेंगे। डेनमार्क के प्रधानमंत्री मैत्त फ्रेदरिक्सन के आमंत्रण पर श्री मोदी डेनमार्क जा रहे हैं। श्री मोदी की डेनमार्क की यह पहली यात्रा है। श्री मोदी इस दौरान प्रधानमंत्री फ्रेदरिक्सन के साथ द्विपक्षीय और अन्य वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, महारानी माग्रेट-द्वितीय से भी मिलेंगे। श्री मोदी की यात्रा से दोनों देशों के बीच कौशल विकास, पोत परिवहन, कृषि प्रौद्योगिकी और आवागमन के क्षेत्रों में साझेदारी बढेगी। प्रधानमंत्री मोदी भारत-डेनमार्क व्यापार मंच की बैठक में शामिल होंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।
कोविड महामारी के बाद की आर्थिक प्रगति पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी चार मई को डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन में कोविड महामारी के बाद की आर्थिक प्रगति, जलवायु परिवर्तन, नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, वैश्विक सुरक्षा और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग पर बातचीत की जाएगी। पहला भारत-नॉर्डिक सम्मेलन वर्ष 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था।
दूसरे भारत-नॉर्डिक सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों से आपसी बैठक भी करेंगे।
यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों से भी मुलाकात करेंगे। श्री क्वात्रा ने कहा कि फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रधानमंत्री की यात्रा से दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संबंधों को आगे बढाने में मदद मिलेगी।