प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 5 साल बढ़ाने की मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को वर्ष 2021 से पांच वर्ष बढ़ाकर वर्ष 2026 तक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पर कुल लागत 93,068 करोड़ रुपए आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

22 लाख किसानों को होगा फायदा

जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी है, जिससे करीब 22 लाख किसानों को फायदा होगा, जिसमें 2.5 लाख अनुसूचित जाति और 2 लाख अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान हैं। सरकारी बयान के अनुसार, इस पर कुल लागत 93,068 करोड़ रुपए आने का अनुमान है। हर खेत को पानी खंड के तहत सतही जल स्रोतों के माध्यम से जल निकायों के पुनर्जीवन के तहत 4.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई और उपयुक्त ब्लॉकों में भूजल सिंचाई के तहत 1.5 लाख हेक्टेयर की सिंचाई हो सकेगी। त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। एआईबीपी के अंतर्गत 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करना है। चालू 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देने के अलावा, जिसमें उनसे सम्बंधित 30.23 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र विकास भी शामिल है।

खेती योग्य भूमि का विस्तार करने के लिए HKKP

हर खेत को पानी का उद्देश्य है कि खेतों तक पहुंच में इजाफा हो और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य भूमि का विस्तार हो। एचकेकेपी के तहत लघु सिंचाई और जल स्रोतों के उद्धार-सुधार-बहाली, पीएमकेएसवाई के घटक हैं तथा इनका उद्देश्य है कि अतिरिक्त 4.5 लाख हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के दायरे में लाना। जल स्रोतों के उद्धार के महत्त्व के मद्देनजर, मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में जल स्रोतों को दोबारा जीवित करने के लिए वित्तपोषण को मंजूरी दी है। केंद्रीय सहायता को आम क्षेत्रों के हवाले से 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा एचकेकेपी के भूजल घटक को भी 2021-22 के लिए अस्थायी रूप से मंजूर किया गया। इसका लक्ष्य है 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि के लिये सिंचाई क्षमता विकसित करना।