April 16, 2024

Khabribox

Aawaj Aap Ki

शरद नवरात्रि: माँ कात्यायनी माँ की उपासना से होती है परम पद की प्राप्ति, जाने पूजन विधि और मन्त्र

नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी माँ की पूजा की जाती है । माँ की उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। माँकी उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है

माँ कात्यायनी की कथा

माता के अनन्य भक्त  ऋषि कात्यायन  के घर में जन्म लेने के कारण माँ को कात्यायनी कहा गया है। ऋषि कात्यायन माँ के अनन्य भक्त थे । उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने उनके घर पुत्री रूप में प्रकट होने का वरदान दिया था ।  पौराणिक कथा के अनुसार कात्यायनी माता ने ही महिषासुर और शुंभ-निशुंभ जैसे राक्षसों का वध किया था। देवी कात्यायानी की पूजा शत्रु संहार की शक्ति प्राप्त होती है, साथ ही मां संतान प्राप्ति का भी वरदान प्रदान करती हैं।

मां कात्यायनी की पूजा विधि

* प्रातः काल में स्नान आदि से निवृत्त होकर मां की प्रतिमा की स्थापना करें।

* सबसे पहले मां का गंगा जल से आचमन करें। इसके बाद मां को रोली,अक्षत से अर्पित कर धूप, दीप से पूजन करें।

* मां कात्यायानी को गुड़हल या लाल रंग का फूल चढ़ाना चाहिए तथा मां को चुनरी और श्रृगांर का सामान अर्पित करें।

*इसके बाद दुर्गा सप्तशती, कवच और दुर्गा चलीसा का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप कर, पूजन के अंत में मां की आरती की जाती है। मां कात्यायनी को पूजन में शहद को भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।

इन मंत्रों का करते रहे उच्चारण

* ॐ कात्यायिनी देव्ये नमः।

* या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

*  कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।