उत्तराखंड: स्टडी सेंटर के रूप में तब्दील होगा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पावन धाम

गांधी मंदिर स्टडी सेंटर में किया जाएगा तब्दील-

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ताकुला गांव स्थित गांधी मंदिर को अब एक अलग पहचान मिलने जा रही है जिसका वह हकदार है। गांधी मंदिर को अब स्टडी सेंटर में तब्दील किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े दस्तावेजों ‌को‌ सहेज कर रखा जाएगा। यह कार्य गांधी से जुड़े दस्तावेजों और उनके‌ आदर्शों को आने वाली पीढ़ीयों तक पहुंचाने का कार्य करेगा।

महात्मा गांधी ने खुद किया था भवन का शिलान्यास

नैनीताल के ताकुला गांव स्थित गांधी मंदिर को यह नाम इसलिए मिला क्योंकि महात्मा गांधी ने खुद इस भवन का शिलान्यास किया था। ब्रिटिशकाल में स्थानीय निवासियों को कुली-बेगारी करने के लिए मजबूर किया जाता था और उन्हें कोई पारिश्रमिक भी नहीं मिलता था। इसके विरोध में वर्ष 1921 में बागेश्वर जनपद से अहिंसक आंदोलन प्रारंभ हुआ था, जो धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों तक बढ़ता गया। आंदोलन को समर्थन देने के लिए ही महात्मा गांधी 1929 में नैनीताल आए थे। गांधी ने कुली-बेगार आंदोलन को रक्तहीन क्रांति नाम दिया। 14 जून 1929 को कुमाऊं दौरे पर आए बापू ने ताकुला गांव में इस भवन की आधारशिला रखी थी। भवन तैयार होने के बाद इसे गांधी के मंदिर की संज्ञा दे दी गई। वर्ष 1929 और फिर वर्ष 1932 में महात्मा गांधी यहां रहने भी आए। मंदिर के जीर्णोद्धार से ना केवल पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी बल्कि गांव की भी सूरत में बदलाव आएगा।