ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन का किडनी पर पड़ रहा है नकारात्मक असर

कोरोना संक्रमण से ठीक हो रहे मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अभी खत्म नही हुआ है कि ब्लैक फंगस और फंगस ने देश में अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है। जिसके बाद अब ब्लैक फंगस से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आई है।

ब्लैक फंगस के इंजेक्शन का किडनी में हो रहा असर-

ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सभी राज्यों में यही हालात बने हुए हैं। वही ऐसे में अब ब्लैक फंगस के मरीजों में एंबिसोम यानि लाइपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत बढ़ने लगी है। ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इंजेक्शन का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह इंजेक्शन किडनी पर तेजी से असर करते हैं। जिससे क्रिएटिनिन, सीरम पोटेशियम और मैग्नीशियम बढ़ाकर किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके बाद किडनी पर ब्लैक फंगस के इंजेक्शन का खतरा बढ़ने का डर है। जिसके बाद किडनी रोग विशेषज्ञ की देखरेख में इन इंजेक्शन को दिया जा रहा है।

कई मरीजों का रोका इलाज-

ब्लैक फंगस के उपचार में दिये जाने वाले इस इंजेक्शन से किडनी पर असर हो रहा है, जिसके बाद कई मरीजों का इलाज भी रोकना पड़ा। इस इंजेक्शन से कुछ मरीजों की किडनी पर इंजेक्शन का असर पड़ा है।