प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को मार्च 2021 के बाद भी जारी रखने संबंधी ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कुल 2.95 करोड़ आवासों के लक्ष्य के अंतर्गत शेष 155.75 लाख आवासों के निर्माण के लिए कुल वित्तीय भार 2,17,257 करोड़ रुपये है। नाबार्ड को ब्याज चुकाने के लिए 18,676 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता है।
मार्च 2024 तक पीएमएवाई-जी जारी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद अब आवासों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए मौजूदा मानदंडों के अनुसार मार्च 2021 के बाद भी मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना जारी रहेगी। मंत्रालय के मुताबिक ईबीआर को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पूरी योजना के वित्त पोषण का इंतजाम सकल बजटीय सहायता के जरिए करने के बारे में निर्णय वित्त मंत्रालय के परामर्श से लिया जाएगा। यह अनुमान है कि 2.02 करोड़ आवास, जोकि एसईसीसी 2011 डेटाबेस पर आधारित स्थायी प्रतीक्षा सूची के लगभग बराबर है, 15 अगस्त 2022 की समय सीमा तक पूरे हो जाएंगे। इसलिए 2.95 करोड़ आवासों के समग्र लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने की आवश्यकता है।
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