भारत के विकास के संकल्पों को दुनिया अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम मान रही है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन के ‘JITO कनेक्ट 2022’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान दुनिया की भारत से उम्मीदों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ‘दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही है।’

भारत के विकास के संकल्पों को दुनिया अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का मान रही माध्यम

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज भारत के विकास के संकल्पों को दुनिया अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम मान रही है। ग्लोबल प्लेस हो, ग्लोबल प्रोसपेरिटि हो, ग्लोबल चैलेंजेज से जुड़े सोल्यूशंस हों, या फिर ग्लोबल सप्लाई चेन का सशक्तिकरण हो, दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही है।

नए भारत का उदय सभी को जोड़ता है

उन्होंने यह भी बताया कि एरिया ऑफ एक्सपरटाइज, एरिया ऑफ कंसर्न चाहे जो भी हों, विचारों में चाहे जितनी भी भिन्नता हो, लेकिन नए भारत का उदय सभी को जोड़ता है। आज सभी को लगता है कि भारत अब प्रोबेबिलिटी और पोटेंशियल से आगे बढ़कर वैश्विक कल्याण के एक बड़े पर्पस के साथ प्रफॉर्म कर रहा है।

GeM पोर्टल पर 40 लाख से अधिक सेलर्स

पीएम मोदी ने कहा, आज देश टेलेंट, ट्रेड और टेक्नोलॉजी को जितना हो सके उतना ज्यादा प्रोत्साहित कर रहा है। आज देश हर रोज दर्जनों स्टार्टअप्स रजिस्टर कर रहा है, हर हफ्ते एक यूनिकॉर्न बना रहा है। जब से गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस यानि ‘GeM’ पोर्टल अस्तित्व में आया है, सारी खरीद एक प्लेटफॉर्म पर सबके सामने होती है। अब दूर-दराज के गांव के लोग, छोटे दुकानदार और स्वयं सहायता समूह सीधे सरकार को अपना प्रोडक्ट बेच सकते हैं। आज GeM पोर्टल पर 40 लाख से अधिक सेलर्स जुड़ चुके हैं।

आत्मनिर्भर भारत हमारा रास्ता भी है और संकल्प भी

पीएम मोदी ने कहा, भविष्य का हमारा रास्ता और मंजिल दोनों स्पष्ट है। आत्मनिर्भर भारत हमारा रास्ता भी है और संकल्प भी। बीते सालों में हमने इसके लिए हर जरूरी माहौल बनाने के लिए निरंतर परिश्रम किया है। आप अर्थ के लिए काम करें। ‘ई’ यानि एनवायरमेंट की समृद्धि जिसमें हो, ऐसे निवेश को, ऐसी प्रैक्टिस को आप प्रोत्साहित करें।

अगले वर्ष तक 75 अमृत सरोवर बनाने के प्रयासों को करें सपोर्ट

अगले वर्ष 15 अगस्त तक हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाने के प्रयासों को आप कैसे सपोर्ट कर सकते हैं, इस पर भी आप जरूर चर्चा करें। ‘ए’ यानि एग्रीकल्चर को अधिक लाभकारी बनाने के लिए नैचुरल फार्मिंग, फार्मिंग टेक्नॉलॉजी और फूड प्रोसेंसिंग सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्ट करें। ‘आर’ यानि रीसाइक्लिंग पर, सर्कुलर इकोनॉमी पर बल दें, रीयूज, रिड्यूस और रिसाइकिल के लिए काम करें। ‘टी’ यानि टेक्नोलॉजी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ले जाएं।

आप ड्रोन टेक्टनॉलॉजी जैसी दूसरी आधुनिक टेक्नॉलॉजी को सुलभ कैसे बना सकते हैं, इस पर विचार होना चाहिए। ‘एच’ यानि हेल्थकेयर, देश में हर जिले में मेडिकल कॉलेज जैसी व्यवस्थाओं के लिए बहुत बड़ा काम सरकार आज कर रही है। आपकी संस्था इसको कैसे प्रोत्साहित कर सकती है, इस पर जरूर विचार करें।