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आज हम स्वास्थ्य से संबंधित कुछ अलग आपको बताने जा रहे हैं। आज के खान-पान के चलते डायबिटीज की समस्या भी बढ़ने लगी है। डायबिटीज से बचने के लिए आपको अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। आपके ब्लड शुगर का स्तर तभी नियंत्रित होगा जब आप अपने खानपान में बदलाव करेंगे और पौष्टिक आहार लेंगे।
बेसन की रोटी-
शुगर के मरीजों के लिए बेसन की रोटी खाना बेहद फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद प्रोटीन ग्लूकोज लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। बेसन में ग्लाइसेमिक स्तर कम होता है। ये रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। इससे डायबिटीज के रोग में लाभ होता है।
आंवले का रस-
आंवले के रस में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। इसका सेवन भी डायबिटीज में लाभकारी होता है। इसलिए रोजाना 10 मिलीग्राम आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिलाकर पीने से डायबीटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ये प्रक्रिया सुबह खाली पेट करें।
तुलसी की पत्तियां-
तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट,एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीएजिंग और एंटीफ़ंगल तत्व पाए जाते हैं। इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं। सुबह खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाने या इसका रस पीने से ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित होता है।
ग्रीन टी-
ग्रीन टी का सेवन भी डायबिटीज रोग में फायदेमंद होता है। इसमें उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है। ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
जामुन-
जामुन को काला नमक लगाकर खाने या जामुन की गुठली को सूखा कर उसका चूर्ण बनाकर रोजाना सुबह शाम एक-एक चम्मच गुनगुने पानी से लेने से लाभ होगा। ये ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।
दालचीनी–
दालचीनी भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख मसाला है। दालचीनी के प्रयोग से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है। ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने और नियंत्रित करने में मददगार है। इसके नियमित सेवन से मोटापा भी कम किया जा सकता है। दालचीनी को महीन पीसकर पाउडर बना लें और उसे गुनगुने पानी के साथ लें। मात्रा का विशेष ध्यान दें। बहुत अधिक मात्रा में ये पाउडर लेना खतरनाक हो सकता है।
पत्तेदार सब्जियां-
पत्तेदार सब्जियां बेहद पौष्टिक होती हैं। इनमें कम कैलोरीज होती है। नियमित डाइट में पत्तेदार सब्जियों को शामिल करने से डाइबिटीज का खतरा कम रहता है। पत्तेदार सब्जियों से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के विटामिन और खनीज भी मौजूद होते हैं। पत्तेदार साग में एंटीऑक्सीडेंट ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की भरपूर मात्रा होती है।
अंडा-
डाइट में अंडे शामिल करने के कई लाभ हैं। नियमित डाइट में अंडे लेने से हार्ट की बीमारी का खतरा कम रहता है। अंडे भी दालचीनी की ही तरह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं। ये इंसान के अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाते हैं। शोध में यह बात सामने आई है कि टाइप-2 डाइबिटीज वाले जिन मरीजों ने हर रोज दो अंडे अपनी डाइट में शामिल किए, उनके कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहा। इसके अलावा अंडे में भरपूर मात्रा में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा होती है।
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