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आज के समय हमारे ज्यादातर काम फोन पर ही होते है। फोन के बिना बहुत से काम रूक जाते है। आज समय भी डिजिटल हो गया है। ऐसे में मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ गया है। लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से काफी नुकसान भी होते हैं। इस संबंध में कई रिपोर्ट्स और हेल्थ वेबसाइट बताती हैं कि स्मार्टफोन आपकी हेल्थ पर काफी नकारात्मक असर डाल रहा है। स्मार्टफोन सिर्फ आपकी आंखों को ही नहीं बल्कि कई अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। आइए जानें क्या कहती है हेल्थ वेबसाइट-
गर्दन में प्रभाव-
लगातार घंटों तक गर्दन को नीचे करके स्मार्टफोन देखने से टेक्स्ट नेक सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे आपकी गर्दन की मसल्स में स्ट्रेन और टाइटनेस आ जाती है। इसके अलावा आपकी बैक नर्व पेन जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।हाथ में मोबाइल पकड़े लगने से ये दर्द आपके कंधे से लेकर हाथों तक में पहुंचता है।
मांसपेशियों पर असर-
webmd वेबसाइट के मुताबिक हर 20 मिनट में आपको अपनी बैक को स्ट्रैच करना चाहिए। मोबाइल में टेक्स्ट करते वक्त ध्यान रखें कि आपका हाथ थोड़ा ऊंचाई पर हो ताकि इसका प्रभाव मांसपेशियों पर ना पड़े। लगातार मोबाइल चलाने और टेक्स्ट करने से अंगूठे के मैकेनिज्म पर भी असर पड़ता है। हाथ में स्मार्टफोन पकड़ने की पोजिशन भी अंगूठे पर असर डालती है। इससे आपके अंगूठे में दर्द बना रह सकता है। इसका एक मात्र सीधा इलाज स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लिमिटेड करना है।
रात में इस्तेमाल से बचें-
रात में मोबाइल के इस्तेमाल से ना आपकी नींद पर असर पड़ता है बल्कि इस नींद की कमी से मोटापा, डायबिटीज और दिल की समस्याएं भी बढ़ती हैं। लेकिन स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली लाइट सबसे ज्यादा खराब असर आपकी आंखों पर डाल रही है। अंधेरे में मोबाइल चलाने से बेहतर है कि नेचुरल लाइट में इस्तेमाल करें या कमरें में उजाला रखें। इससे आपकी आंखों के कॉर्निया पर असर नहीं पड़ेगा।
रेडिएशन से उत्पन्न खतरों में सबसे बड़ा खतरा है कैंसर-
मोबाइल फोन के रेडिएशन से उत्पन्न खतरों में सबसे बड़ा खतरा है कैंसर। अगर आप अपने मोबाइल फोन को पूरा दिन अपनी जेब में या शरीर से चिकाकर रखते हैं तो संबंधित स्थान पर ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है और आप आसानी से कैंसर के शिकार हो सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के एक शोध के अनुसार मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल मस्तिष्क के कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। इसके विकिरणों के प्रभाव के चलते ब्रेन में ट्यूमर हो सकता है।
तनाव का कारण मोबाइल का रेडिएशन-
तनाव और डिप्रेशन के कारणों में एक प्रमुख कारण मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के खतरनाक प्रभाव भी हैं। यह आपके दिमाग की कोशिकाओं को संकुचित करती हैं, जिससे ब्रेन में ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं पहुंच पाती।
करें सीमित इस्तेमाल-
मोबाइल फोन का जरूरी और सीमित इस्तेमाल ही इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है। इसके अलावा इसे अपने शरीर से सटाकर न रखते हुए, पर्स में या फिर अन्य स्थान पर रखना ज्यादा सही होगा।
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