मुख्यमंत्री धामी ने डीआईजी कुमाऊं डॉ. नीलेश आनन्द भरणे को चंपावत के जीआईसी सूखीढ़ाग में भोजन माता प्रकरण की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि इस मामले में दुष्प्रचार करने वालों पर भी निगरानी रखी जाए।
क्या है पूरा मामला
राइंका सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति का विवाद और एससी वर्ग की भोजनमाता की नियुक्त होने से कुछ बच्चों के भोजन न करने का मामला सामने आया । जिसके बाद मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया है। विद्यालय प्रबंधन समिति और पीटीए से चयनित भोजन माता को हटाकर एससी वर्ग की भोजनमाता की नियुक्ति से विद्यालय प्रबंधन समिति और अभिभावक आमने-सामने आ गए हैं।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा ये बहुत दु:खद है। राज्य सरकार ने एक भोजनमाता को केवल इसलिए हटा दिया क्योंकि वह अनुसूचित जाति परिवार की थी। हरीश रावत ने राज्य सरकार से क्षमा मांगते हुए हटाई गई भोजनमाता को बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार चेती नहीं तो वह गांधी की मूर्ति के सामने अनशन पर बैठेंगे।
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