प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत ने पुत्र की हत्या के एक मामले सुनवाई के बाद पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
पुत्र की हत्या मामले में हुई थी गिरफ्तारी-
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने बताया कि नानकमत्ता निवासी पानदेव असवाल की बेटी चंपा देवी का विवाह कुछ साल पहले मझोला दुगाड़ीगोठ खटीमा निवासी ललित मोहन भट्ट से हुआ था। विवाह के बाद चंपा के 3 बच्चे हुए। चंपा का पति ललित मोहन भट्ट झगड़ा करने और अपराधी प्रवृत्ति का था। वह आए दिन अपनी पत्नी से झगड़ा और बच्चों को भी पीटता था। एक दिन 13 फरवरी 2014 की शाम 7 बजे किसी मामूली बात पर ललित मोहन भट्ट ने गुस्से में अपने 4 साल के मासूम बेटे की निर्मम हत्या कर दी। जिसमें पत्नी द्वारा बच्चे को बचाने पर उसे भी घायल कर दिया और फरार हो गया। जिसकी सूचना के बाद पुलिस ने कुछ घंटों बाद हत्यारोपित पिता को हत्या में प्रयुक्त हंसिया के साथ गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया था।
अभियुक्त को मिली सजा-
जिसमें अदालत ने अभियुक्त पर 2000 रुपये अर्थदंड, धारा 325 में पांच साल का कारावास समेत एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।