उत्तराखंड: सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग होने वाले एंफोटेरिसीन-बी इंजेक्शन की खरीद पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इंजेक्शन के प्रयोग से मरीजों की किडनी प्रभावित होने का मामला सामने आया है। ऐसे में ऋषिकेश एम्स के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद खरीद पर रोक लगा दी गयी है ।
सिडकुल की फार्मा कंपनी ने किया था उत्पादन
एंफोटेरिसीन-बी इंजेक्शन का उत्पादन सिडकुल स्थित एक फार्मा कंपनी ने शुरू किया था। 27 मई को पहली खेप के 15 हजार इंजेक्शन प्रदेश सरकार ने खरीदे। इसके बाद पांच हजार इंजेक्शन का आर्डर और दिया गया था । तय हुआ था कि एक सप्ताह बाद इंजेक्शन मिल जाएंगे। लेकिन अब इसके दुष्प्रभाव देखते हुए इसे लेने से मना कर दिया गया है ।
इसी बीच इंजेक्शन के दुष्प्रभाव का पता चलने पर खरीद रोक दी गई।
इंजेक्शन के दुष्प्रभाव जानने के बाद प्रदेश सरकार की तरफ से इंजेक्शन की खेंप लेने के लिए इंकार कर दिया गया है, जानकारी के अनुसार लाइफोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन एंफोटेरिसीन-बी की तुलना में ज्यादा कारगर सिद्ध हो रहे हैं । डॉक्टर इसे ज्यादा प्रभावी मान रहे हैं ।
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