काशीपुर में एक महिला ने नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ और रास्ते में रोककर परेशान करने के मामले में विवेचना अधिकारी महिला दरोगा पर बेटी से पूछताछ के लिए वर्दी में घर आने का आरोप लगाया है।
जबकि नाबालिग बच्ची के मामले की जांच विवेचना अधिकारी द्वारा सादे कपड़ों में किए जाने का प्रावधान है। महिला ने विवेचना अधिकारी को बदल कर किसी अन्य अधिकारी से विवेचना कराने की मांग की है।
महिला ने नाबालिग पुत्री के संबंध में एक मुकदमा दर्ज किया था:
एसएसपी को भेजे पत्र में महिला ने कहा कि उसने अपनी नाबालिग पुत्री के संबंध में एक मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसकी विवेचना एक महिला दरोगा द्वारा की जा रही है। कहा कि उसकी पुत्री कक्षा 10 की छात्रा है और उसकी परीक्षा चल रही है। कहा कि उसकी पुत्री थाने में बयान के लिए जा चुकी है।
महिला दरोगा वर्दी पहनकर छात्रा से पूछताछ करने आई:
पांच दिन पहले विवेचना अधिकारी ने फोन कर कहा कि मुझे घर आकर पूछताछ करनी है। इसपर उसने विवेचना अधिकारी से कहा कि बेटी पुलिस की वर्दी देखकर डर जाती है। महिला दरोगा ने कहा कि नाबालिग बच्ची से पूछताछ सादे कपड़ों में की जाती है वह सादे कपड़ों में ही आएगी। बुधवार की दोपहर महिला दरोगा पुलिस की वर्दी में अपने साथ एक महिला कर्मी और आरोपी के अधिवक्ता के साथ घर आई और पूछताछ की। उस समय बेटी स्कूल में थी।
पीड़िता की मां की विवेचना अधिकारी बदलने की मांग:
कहा कि उसने मुकदमा न्याय के लिए लिखवाया था न कि समाज में बदनामी के लिये। पुत्री के 164 सीआरपीसी के बयान भी अभी तक न्यायालय में नहीं कराये गये हैं। महिला ने विवेचना अधिकारी पर आरोपी से मिलीभगत का आरोप लगाया। पीड़िता की मां की विवेचना अधिकारी बदलने की मांग की है।