उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर व कुंभ मेला क्षेत्र में गंगा नदी किनारे हो रहे अवैध खनन के विरुद्ध मातृ सदन हरिद्वार की जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसमें हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
सितंबर में होगी सुनवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई। जिसमें न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व के आदेशों का अनुपालन नहीं करना और स्टोन क्रशरों का संचालन करना कानून का उल्लंघन है। जिस पर हाईकोर्ट ने हरिद्वार में संचालित 48 स्टोन क्रशरों को तत्काल बंद करने व उनकी बिजली पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दिए हैं। यह आदेश जिलाधिकारी व एसएसपी हरिद्वार को दिए हैं। साथ ही एक सप्ताह के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को भी कहा है। जिसके बाद अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
जनहित याचिका दायर की
दरअसल हरिद्वार मातृ सदन की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई। जिसमें कहा गया है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। जिसमें कहा कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए नेशनल मिशन क्लीन गंंगाबोर्ड गठित किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है। एनएमसीजी की ओर से राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाय, इसके बाद भी धड़ल्ले से यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भारत सरकार को गंगा को बचाने कदम उठाने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं, इसके बाद भी गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है।