आज बाबा नीम करौली के धाम का स्थापना दिवस है। बाबा नीम करौली के पास देश ही नहीं दुनिया भर से भक्त आते थे और प्रेरणा पाते थे। हर साल 15 जून को इस धाम की स्थापना दिवस के मौके पर देवभूमि कैंची धाम में मेला आयोजित किया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार इस मंदिर के गेट बंद रहेंगे।
15 जून को मनाया जाता है स्थापना दिवस-
15 जून को पावन इस धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। कोरोना की वजह से इस बार आयोजन नहीं किया जाएगा। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीब करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था। देश-विदेश से हजारों भक्त यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। यहां बाबा नीम करौली की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है।
दुनिया भर में मशहूर है यह धाम-
इस धाम को बाबा नीम करौली ने स्थापित किया था । बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। कहते हैं कि यहां कोई भी व्यक्ति मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता। यहां बाबा का समाधि स्थल भी है। बाबा नीम करौली का समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में है।
उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था जन्म-
बाबा नीम करौली का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। वे उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में साल 1900 के आसपास जन्मे थे। वे हनुमान जी के परम भक्त थे, उन्होंने देश में भगवान हनुमान के कई मंदिर बनवाए। इसी कड़ी में उन्होंने नैनीताल में भी हनुमान मंदिर बनवाया। कैंची धाम में अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं। बाबा ने वृंदावन में 11 सितंबर 1973 को अपना शरीर त्यागा था।