अल्मोड़ा जिले में वन भूमि आपत्ति की पेंच में फंसी तमाम सड़कों का निर्माण अब गति पकड़ सकता है। इसके लिए डीएम के निर्देश पर सभी तहसीलों में लैंड बैंक के लिए 80-80 हेक्टेयर सिविल भूमि का चयन कर लिया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। उसके बाद वन आपत्ति की पेंच के मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रोड कटान के एवज में वन विभाग को पौधरोपण के लिए दोगुनी जमीन देने का है प्रावधान
नियमानुसार वन भूमि से सड़क काटने पर वन विभाग को सड़क के लिए ली गई भूमि के सापेक्ष दोगुनी सिविल भूमि देने का प्रावधान है। उस भूमि में पौधरोपण किया जाता है। ताकि सड़क कटान से पर्यावरणीय असंतुलन पैदा न हो। भूमि न मिलने के कारण जिले में कई सड़कों का कार्य अधर में लटका हुआ है। इसके चलते ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए कोसों दूरी तक पैदल चलना पड़ता है। सड़क के अभाव में दूरस्थ के गांवों में पलायन भी बढ़ रहा है।
सभी तहसीलों में 80-80 हेक्टेयर सिविल भूमि का हुआ चिन्हीकरण
इसी को देखते हुए बीते दिनों डीएम वंदना ने सभी उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में लैंड बैंक के लिए सिविल क्षेत्र में 80-80 हेक्टेयर भूमि चयन करने के निर्देश दिए थे। अब सभी एसडीएम ने राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम के साथ निरीक्षण कर लैंड बैंक के लिए भूमि का चिह्नीकरण पूरा कर लिया है।
सड़क निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू
डीएम अल्मोड़ा वंदना ने कहा कि जिले में वन भूमि के सापेक्ष दोगुनी सिविल भूमि न मिल पाने के कारण कई सड़कों का कार्य लंबित चल रहा है। अब सभी एसडीएम ने अपने-अपने क्षेत्र में लैंड बैंक के लिए 80-80 हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर ली है। आने वाले 15 दिनों में लंबित सड़कों के निर्माण के लिए पौधरोपण को सिविल भूमि आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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