रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडवीया ने स्पष्ट किया है कि 14 जून से रेमडेसिविर दवा को निर्यात की निषिद्ध श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। कल लोकसभा में एक लिखित उत्तर में उन्होंने यह कहा कि यह कदम रेमडेसिविर की घटती मांग और बढ़ती आपूर्ति को देखते हुए उठाया गया।
रेमडेसिविर भारत में बनाया जाता है
रसायन और उर्वरक मंत्री ने बताया कि टॉसिलिजुमाब की मांग और आपूर्ति स्थिति भी काफी स्थिर है और कुछ राज्य टॉसिलिजुमाब की विपणन करने वाली कंपनियों को केंद्र से आवंटित मात्रा में ऑर्डर भी नहीं दे रहे हैं।
श्री मांडवीया ने कहा कि रेमडेसिविर भारत में बनाया जाता है जबकि टॉसिलिजुमाब केवल आयात के जरिये देश में उपलब्ध होता है।
122 लाख वायल प्रतिमाह हो गयी है
उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के सात घरेलू निर्माताओं के सामूहिक प्रयासों और औषधि महानियंत्रक द्वारा तुरंत मंजूरी दिये जाने से इस वर्ष मध्य अप्रैल में रेमडेसिविर के लाईसेंस प्राप्त उत्पादन स्थलों की संख्या 22 से बढ़कर अब 62 हो गयी है।
उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर की घरेलू उत्पादन क्षमता मध्य अप्रैल के 38 लाख वॉयल प्रति माह से बढ़कर अब 122 लाख वायल प्रतिमाह हो गयी है।