1,689 total views, 2 views today
आज हम आपको धरती पर स्थित एक ऐसे रहस्यमयी कुंड के बारे में बता रहे हैं जिसकी गहराई आज तक नहीं मापी जा सकी है। काफी कोशिशों के बाद भी दुनियाभर के वैज्ञानिक और डिस्कवरी चैनल तक इस कुंड की गहराई नहीं जान पाए हैं।
महाभारत काल से शुरू हुआ कुंड का अस्तित्व
भीम कुंड नाम का ये रहस्यमयी कुंड कहीं और नहीं बल्कि भारत के मध्य प्रदेश स्थित छतरपुर जिले से करीब 70 किलोमीटर दूर बाजना गांव में है। भीम कुंड की कहानी महाभारत काल से जुड़ी है। कुंड के बारे में मान्यता है कि जब पांडव अज्ञातवास के दौरान इधर-उधर भटक रहे थे, तो उन्हें बहुत जोर की प्यास लगी, लेकिन उन्हें कहीं भी पानी नहीं मिल पाया। तब महाबली भीम ने अपनी गदा से जमीन पर वार किया और यह कुंड बन गया। लोगोंका कहना है कि इस कुंड की आकृति एक गदा के समान ही दिखाई देती है।
कुंड की गहराई मापना अब तक असंभव
शोधकर्ताओं का यहाँ तक मानना है कि जब भी एशिया महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान, सुनामी आती है तो इस कुंड का पानी का स्तर अपने आप बढ़ने लगता है। सूत्र बताते हैं कि एक बार विदेशी वैज्ञानिकों 200 मीटर पानी के अंदर तक कैमरा भेजकर कुंड की गहराई जानने की कोशिश की लेकिन विफल रहे।
ठहरा होने के बावजूद खराब नहीं होता कुंड का जल
आपने सुना ही होगा की एक जगह पर ठहरा हुआ पानी कुछ समय के बाद खराब हो जाता है लेकिन इस रहस्यमयी कुंड का जल गंगा की तरह बिल्कुल पवित्र है और यह कभी खराब नहीं होता है। लेकिन ऐसा कैसे संभव है ये जान पाना अब तक किसी भी वैज्ञानिक के बस से बाहर है।
More Stories
आज अपने गृह जनपद अल्मोड़ा पंहुचेंगें लक्ष्य सेन, होगा भव्य स्वागत
ड्राइ कफ में ले सकते हैं पुदीना और अजवाइन की भाप, क्या गर्मियों में भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कर सकते हैं च्यवनप्राश का सेवन?, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जयंती विशेष: दुनिया में अजय थे गामा पहलवान, पूरी दुनिया में कोई हरा सकने वाला नहीं था रेसलर, जानें कैसे बनें वर्ल्ड चैंपियन