विश्व का बहुचर्चित सहित्य का नोबेल पुरस्कार तंजानिया के उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुरनाह को देने की घोषणा की गई है। अब्दुल रजाक को उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों व महाद्वीपों के बीच शरणार्थियों की स्थिति के करुणामय चित्रण पर सम्मानित किया गया है। उनके उपन्यासों में शरणार्थियों का मार्मिक वर्णन मिलता है।
अब्दुलरजाक गुरनाह का जन्म 1948 में तंजानिया के जंजीबार में हुआ था। लेकिन 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में वह इंग्लैंड पहुंचे।
शोध यात्रा के दौरान लिखा यह उपन्यास
गुरनाह के चौथे उपन्यास ‘पैराडाइज’ ने उन्हें लेखक के रूप में पहचान दिलाई। उन्होंने 1990 के आसपास पूर्वी अफ्रीका की शोध यात्रा के दौरान यह उपन्यास लिखा। यह एक दुखद प्रेम कहानी है जिसमें दुनिया और मान्यताएं एक-दूसरे से टकराती हैं।
गौरतलब है कि अबतक अब्दुलरजाक गुरनाह के 10 उपन्यास और कई लघु कथाएं प्रकाशित हुई हैं।