अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा नगर में आज नौले विलुप्त होने के कगार पर हैं। इससे पहले पूर्व तक अल्मोड़ा नगर में दर्जनों नौले हुआ करते थे। जो आज विलुप्त होने के कगार पर हैं।
जारी रहेगा यह अभियान
इस कारण नगर के नौलों के संरक्षण एवं संवर्धन का जिम्मा पार्षद एवं युवाओं ने अपने कंधों पर ले लिया है।पार्षद अमित साह मोनू ने बताया कि सप्ताह में एक दिन नगर के एक नौलें की सफाई की जा रही है। जिसके बाद निरंतर इनका संरक्षण भी किया जाएगा। आज अल्मोड़ा नगर में कुछ ही नौले बचे हैं जिनको संरक्षित कर आने वाली भावी पीढ़ियों को सौंपना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह नौले हमारी संस्कृति के परिचायक तो है ही साथ ही साथ लोगों के पेयजल का भी एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी जब बरसात के मौसम में बैराज में सिल्ट आ जाती है और नगर में पेयजल की आपूर्ति नहीं होती तो ऐसे में लोग इन्हीं लोगों से पानी ले जाते हैं।उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु के बाद 12 दिन तक चलने वाले क्रिया कर्म भी इन्हीं नौलों में होते हैं, जिस कारण बेहद आवश्यक है कि जितने नौले नगर में बचे हैं इनको स्वच्छ रखकर संरक्षित किया जाए तथा अपनी आने वाली पीढ़ी को विरासत स्वरूप सौंपा जाए। हिसालु संस्था के कृष्णा सिंह ने कहा कि पानी के संरक्षण के लिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त नौलों का संरक्षण बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र में बचे हुए नौलों को स्वच्छ रखें तथा इनका संरक्षण करें।
रहें उपस्थित
आज पार्षद के द्वारा पांडेखोला बाईपास से नीचे ग्रामीण एवं शहर के मध्य में स्थित नौले की सफाई की गयी।आज के इस कार्यक्रम में पार्षद अमित साह मोनू,,हिसालु संस्था के कृष्णा सिंह,सतीश उपाध्याय, उमेश नयाल,अनुनय पांडे अतुल पांडे,आदि लोग उपस्थित रहे।