April 20, 2024

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अल्मोड़ा: चेक बाउंस मामले में कोर्ट ने अभियुक्त को किया दोषमुक्त

न्याय मजिस्ट्रेट शुभांगी गुप्ता की अदालत ने चेक बाउंस मामले में अभियुक्त पंकज सिंह अधिकारी को दोषमुक्त किया है।अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता गजेंद्र सिंह मेहता द्वारा मामले की पैरवी की गई।

जानें पूरा मामला

परिवादी अल्मोड़ा शहर का निवासी हैं तथा प्राईवेट वाहन टैक्सी के संचालन का व्यवसाय करता है। परिवादी तथा अभियुक्त एक ही व्यवसाय करते है, जिससे उनके मध्य पहचान है। परिवादी बोलेरो वाहन सं0 यू0के0 01 टी0ए0 1661 का पंजीकृत वाहन स्वामी था। उक्त वाहन को अभियुक्त ने खरीदने की मंशा जाहिर की, जिस पर उक्त वाहन का अभियुक्त व परिवादी के मध्य रू0 3,10,424 /- में सौदा तय हुआ। चूंकि उक्त वाहन श्रीराम फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस था, इसलिये अभियुक्त द्वारा कहा गया कि वाहन की शेष किश्तों का रूपया 2,70,424 /- अभियुक्त अदा करेगा और वाहन के सम्पूर्ण लोन किश्तों का फाइनेंस कंपनी में रूपया अदा करने के बाद वाहन के समस्त प्रपत्रों के संबंध में परिवादी अभियुक्त के नाम वाहन हस्तान्तरित करने हेतु एन०ओ०सी० देगा। उक्त वाहन लेने के उपरान्त अभियुक्त ने एक भी किस्त जमा नहीं की और न ही वाहन का टैक्स जमा किया, जिस कारण मजबूरी में परिवादी को किस्तों व टैक्स इत्यादि के पैसे जमा करने पड़े। उपरोक्त धनराशि की अदायगी के एवज में अभियुक्त के द्वारा परिवादी को चैक निर्गत किए गए। जो बैंक द्वारा अनादरित हो गए जिस कारण परिवादी ने न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अल्मोडा में अभियुक्त के विरूद्ध एक फौजदारी वाद सं0 37 / 2019 दर्ज किया गया, जिसमें परिवादी अभियुक्त के मध्य इस शर्त पर राजीनामा हुआ कि अभियुक्त नियमित किस्त देगा। परिवादी की ओर से साक्ष्य समाप्त करने के उपरान्त, न्यायालय द्वारा अभियुक्त का परीक्षण, धारा-313 द०प्र०सं० के अधीन अभिलिखित की गयी।

परिवादी द्वारा अभियुक्त पर लगाये गये अभियोग को साबित करने में असमर्थ साबित हुआ

जिसमें अभियुक्त द्वारा कथन किया गया है कि ये चैक दिये थे। पैसा दे दिया था पर चैक वापस नहीं दिए थे। धोखा से वाहन बेचा था, जो इंश्योरेंस कंपनी ने 4 माह में वापस ले लिया था, न मेरे पास वाहन है, न देनदारी है।अभियुक्त की ओर से बचाव साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी एवं अभियुक्त के विद्वान अधिवक्तागण की तर्कपूर्ण बहस सुनी गयी बहस के दौरान परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा दो चैक दिये गये थे। फाईनैन्स कम्पनी की बकाया किश्तें अभियुक्त द्वारा अदा किये जाने का कथन किया गया था। दोनों चैक बाउन्स हुए। अभियुक्त द्वारा हमारे भेजे गये नोटिस का भी कोई उत्तर नहीं दिया गया। अभियुक्त द्वारा अपने  बयानों में भी इस बात को स्वीकार किया गया है।अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बहस के दौरान कथन किया गया कि जिस संविदा के तहत गाड़ी बेचे जाने की बात की गयी है वह संविदा विधि अनुसार शून्य है। परिवादी द्वारा खुद स्वीकार किया गया है कि केवल रूपये 73,472 /- देना बकाया था। उसके बावजूद भी सारे पूराने चैक लगाकर गलत देनदारी दिखा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में अभियुक्त को दोष मुक्त किये जाने का पूर्ण आधार है।अतः परिवादी अभियुक्त पर लगाये गये अभियोग अर्न्तगत धारा 138 पराकाम्य लिखत अधिनियम को युक्तियुक्त सन्देह से परे साबित करने में असमर्थ है। उपरोक्त कारणों से अभियुक्त को प्रस्तुत प्रकरण में दोषमुक्त किये जाने का पर्याप्त आधार है।

अभियुक्त दोषमुक्त

इस प्रकार  शुभांगी गुप्ता सिविल जज / न्यायिक मजिस्ट्रेट, अल्मोड़ा की अदालत ने अभियुक्त पंकज सिंह अधिकारी को चेक बाउंस मामले  के अपराध में दोषमुक्त किया ।