धौलछीना ब्लॉक के कांचुला गांव निवासी एक गरीब महिला आधार कार्ड बनाने के लिए पिछले 9 सालों से दर-दर भटक रही है। आधार कार्ड के लिए बुजुर्ग महिला आधार केंद्र से लेकर जिला प्रशासन तक कई बार गुहार भी लगा चुकी है। बावजूद इसके अब तक महिला का आधार कार्ड नहीं बन सका है।
आधार नंबर तो जारी हो गया पर वह इंटरनेट से डाउनलोड नहीं हो पा रहा है
भैंसियाछाना ब्लॉक मुख्यालय से लगे कांचुला गांव निवासी 55 वर्षीय धनुली देवी 2013 में धौलछीना में लगे आधार कार्ड कैंप में आधार कार्ड बनाने के लिए आवेदन किया था। धनुली देवी के पति दीवान सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी को एक आधार नंबर तो जारी हो गया पर वह इंटरनेट से डाउनलोड नहीं हो पा रहा है। आधार नंबर से उनकी पत्नी के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हो रहे हैं। इसके बाद पिछले 9 वर्षों में दर्जनों बार आधार केंद्रों और बैंकों में जाकर आधार कार्ड अपडेट करवा चुके हैं। लेकिन हर बार उनका आवेदन निरस्त हो जाता है। दीवान सिंह ने बताया कि पिछले दिनों धौलछीना भ्रमण पर आए जिलाधिकारी से भी उन्होंने इस संबंध में गुहार लगाई थी। जिलाधिकारी के आदेश के बाद एक बार फिर अल्मोड़ा जाकर आधार अपडेट करवाया, लेकिन फिर एक बार निरस्त हो गया है। दीवान सिंह ने बताया कि दिल्ली स्थित आधार मुख्यालय में भी संपर्क करने पर बताया गया कि धनुली देवी के फिंगरप्रिंट वाला आधार कार्ड जारी हो चुका है।
आधार कार्ड नहीं होने से उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा
पीड़िता ने बताया कि आधार कार्ड नहीं बनने से न तो उसका बैंक खाता खुल पा रहा है और नहीं राशन कार्ड बन रहा है। धनुली देवी बीपीएल परिवार की है आधार कार्ड नहीं होने से उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।