आज अल्मोड़ा में महिला कांंग्रेस की राष्ट्रीय सचिव एवम् उत्तराखंड मीडिया कार्डिनेटर आकांशा ओला ने प्रैस कान्फ्रेंस कर कहा कि अमर जवान ज्योति पिछले 50 सालों से अनवरत जल रही है। ये हमारे शौर्य, साहस,बलिदान एवं स्वाभिमान का प्रतीक है लेकिन आज उसे बुझा दिया जाएगा। इंडिया गेट पर 50 वर्षों से स्थापित अमर ज्योति का नया पता अब वॉर मेमोरियल होगा।
अमर जवान ज्योति को विस्थापित करने का यह तो नहीं कारण-
उन्होंने कहा कि जब किसी राजा के महल के निर्माण के लिए शहीदों के बलिदान और शौर्य के प्रतीकात्मक स्थान को बदल दिया जाये और अनवरत जलने वाली लौ को बुझा दी जाए तो ये न सिर्फ उस राजा के मनमानी की कहानी कहती है बल्कि शहीदों के प्रति उसके दिल में कितना सम्मान है। ये भी बखूबी बताती है। अब आप वीर जवानों के शौर्य, बलिदान व देश के धरोहरों को खत्म करने की क्रोनोलॉजी समझिए। पहले जालियावाला बाग में लेजर शो करवा कर वहां सैकड़ों शहीदों का अपमान किया गया,फिर गांधी जी का देश के प्रति त्याग व समर्पण को कम करके दिखाने के लिए अहमदाबाद के गांधी आश्रम जैसी पुरानी धरोहर को भी बदलने का प्रयास किया जा रहा है। क्या इस अमर जवान ज्योति को विस्थापित करने का उद्देश्य सिर्फ सेंट्रल विस्टा ( मोदी महल ) का निर्माण करना है?
अमर जवान ज्योति का विस्थापन भी संभव नहीं-
जिस प्रकार किसान बिल से पहले भाजपा सरकार ने किसानों से सलाह लेना जरूरी नहीं समझा,ठीक उसी प्रकार इतने बड़े निर्णय से पहले एक बार भी शहीदों के परिजनों से विचार करना जरूरी नहीं समझा। भारतीय सेना की शौर्य,बलिदान एवं अदम्य साहस का अपमान क्यों ? 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस,शौर्य,बलिदान के प्रतीक स्वरूप इस अमर जवान ज्योति को प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वीर शहीद भारतीय सैनिकों के सम्मान में स्थापित किया था।अमर जवान ज्योति की ज्योत हिंदुस्तान में करोड़ों देशभक्तों के लिए मंदिर की ज्योति की तरह है। ये बलिदानियों का मंदिर है। जिस तरह मंदिर की ज्योत को विस्थापित नहीं किया जा सकता उसी प्रकार अमर जवान ज्योति का विस्थापन भी संभव नहीं है।क्या हिंदुस्तान की सरकार हमारे देश के शौर्य, बलिदान, त्याग, तपस्या, वीरता के लिए दो जगहों पर ज्योति नहीं जलवा सकती?मौजूदा भाजपा सरकार ने 16 दिसंबर 2021 को विजय दिवस के सरकारी कार्यक्रम में 1971 के भारत-पाक युद्ध के ऐतिहासिक विजय के वक्त भारत का नेतृत्व करने वाली श्रीमती इंदिरा गांधी का नाम भी हटा दिया।आप ज्योति तो बुझा दोगे लेकिन करोड़ों भारतीयों के दिल में श्रीमती इंदिरा गांधी व भारतीय सेना के प्रति आदर, सम्मान, समपर्ण की लौ को कैसे बुझाओगे?
यह लोग रहे उपस्थित-
पत्रकार वार्ता में नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला,जिला उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी,प्रदेश सचिव पारितोष जोशी,मीडिया कार्डिनेटर रमेश मेलकानी, जिला सचिव दीपांशु पाण्डेय उपस्थित रहे।
2 thoughts on “अल्मोड़ा: शहीदों के बलिदान और शौर्य के प्रतीकात्मक स्थान को बदलना सही नहीं-आकांशा”
Comments are closed.