अल्मोड़ा रानीखेत तहसील के ग्राम पंचायत बोहरागांव निवासी एक युवक पांच साल बाद घर लौट आया। उसे खोजने और फिर घर पहुंचाने में श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन संस्था का बड़ा योगदान रहा। मातृ दिवस पर बेटे को देख मां भी भाव विभोर हो गई। पांच साल बाद बेटे के घर वापस आते ही मां और परिजन गले लगाकर फफक-फफक कर रो पड़े।
मानसिक हालत ठीक नहीं होने के चलते पांच साल पहले घर से लापता हो गया
दरअसल, रानीखेत तहसील के बोहरागांव निवासी जीवन पुत्र शिव सिंह मानसिक हालत ठीक नहीं होने के चलते पांच साल पहले घर से लापता हो गया। इसके बाद परिजनों ने उसकी काफी खोज की, लेकिन जीवन का कहीं पता नहीं लगा। इधर, श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन के सदस्यों को जीवन को दिल्ली की सड़कों पर बदहवास हालत में धूमते देखा और उसका रेस्क्यू कर अपने संस्थान में दाखिल किया। इसके बाद मनोचिकित्सक और रैमन मैग्सेसे अवार्डी डॉ. भरत वातवानी की देखरेख में जीवन का इलाज हुआ।
बरेली निवासी शैलेश शर्मा जीवन को लेकर उनके घर पहुंचे
मनोवैज्ञानिक शैलेश शर्मा ने जीवन कि कॉउंसलिंग की। इसमें जीवन ने परिवार की जानकारी देते हुए घर जाने की इच्छा जताई। इसके बाद बरेली निवासी शैलेश शर्मा जीवन को लेकर उनके घर पहुंचे।
परिजनों की आंखें खुशी से झलक गई
पांच साल से लापता बेटे के घर पहुंचते ही परिजनों की आंखें खुशी से झलक गई। शैलेश शर्मा ने बताया कि संस्था सड़कों पर भटकने वाले मनोरोगियों के उपचार और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करती है। संस्था की ओर से जीवन के बेहतर मानसिक उपचार के लिए दो माह की निशुल्क दवाई दी है।
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